यूपी वाराणसी। धर्म आध्यात्म और पर्यटन के रूप में विकसित वाराणसी में हर रोज लाखों की संख्या में लोगों का आना होता है। बनारस को अपने आध्यात्मिक धर्म के लिए ज्यादा जाना जाता है। लेकिन, अब सतरंगी रंगों में रंगी यह काशी रियल के साथ रील लाइफ में भी ज्यादा पसंद की जा रही है। हम बात सोशल मीडिया के रीलबाजों की नहीं, बल्कि रुपहले पर्दे यानी सिनेमा पर दिख रही काशी की उस अद्भुत छवि के बारे में बात कर रहे हैं, जिसने बनारस को फिल्मी जगत में सबसे पसंदीदा शूंटिंग स्पॉट बना दिया है। कल तक विदेश या पहाड़ों में शूट होने वाले फिल्मों के सीन अब धर्म नगरी काशी में हो रहे हैं। वैसे तो उत्तर प्रदेश के नोएडा में बड़ी फिल्म सिटी का निर्माण हो रहा है लेकिन, हालिया कलाकारों को दौरों और फिल्मों की शूटिंग से बनारस यूपी की फिल्म सिटी बनता जा रहा है। बनारस की गलियां, घाट और यहां के जीवंत जीवन को रूपहले पर्दे पर दिखाने के लिए बड़े-बड़े डायरेक्टर काशी पहुंच रहे हैं।
हाल ही में आई फिल्म भूल चूक माफ हो या नाना पाटेकर की वनवास पिछले दिनों आई फिल्म ब्रह्मास्त्र हो या काशी के ही पूरे प्लेटफार्म और प्रोफाइल पर शूट हुई रांझणा, इन फिल्मों ने काशी को बड़े पर्दे पर एक अलग पहचान दी है। एक तरफ जहां वाराणसी पर्दे पर छाया है तो लगातार फिल्मों और वेब सीरिज के लिए हो रही शूटिंग के कारण यहां के लोकल कलाकारों के भी मजे ही मजे हैं। बनारस के रहने वाले कलाकार जो कल तक मुंबई में जाकर स्ट्रगल करते थे। अब वाराणसी में लगातार हो रही फिल्मों की शूटिंग के कारण अपने गलियों से निकलकर बड़ी से बड़ी फिल्मों में काम करने का मौका पा रहे हैं। यूं कहें कि वाराणसी में बड़ी-बड़ी फिल्मों और वेब सीरिज पर बना रही हिट मूवीज ने बनारस के लोकल कलाकारों की पौ बारह कर दी है।
वाराणसी के तिलक राज मिश्रा थिएटर आर्टिस्ट हैं तिलक का थिएटर से प्रेम लगभग 25 साल से भी ज्यादा पुराना है। थिएटर में काम करते हुए तिलक राज को यह यकीन ही नहीं था कि बनारस में ही उन्हें एक के बाद एक कई फिल्मों में मौका मिलेगा। गैंग ऑफ वासेपुर में तिलक राज मनोज बाजपेई के साथ दिखाई दिए। उसके बाद मिर्जापुर 3 में भी तिलक राज को बनारस में रहते हुए ही किरदार निभाने का मौका मिल गया। आयुष्मान खुराना की शुभ मंगल ज्यादा सावधान और बनारस में शूट हुए सावधान इंडिया और कई सीरियल में भी तिलक ने काम किया। कुछ ऐसा ही हाल बनारस के राहुल सिंह राजपूत का है। राहुल बनारस की सकरी गलियों वाले कोनिया इलाके में रहते हैं उन्हें कभी इस बात का यकीन ही नहीं था कि बनारस में रहकर वह 50 से ज्यादा फिल्मों में काम कर लेंगे। राहुल बतौर थिएटर आर्टिस्ट काम करने के साथ भोजपुरी फिल्मों में काम के लिए परेशान रहते थे, लेकिन उनकी किस्मत तब बदली जब मिर्जापुर और उसके बाद हाल ही में रिलीज हुई राजकुमार राव की भूल चूक माफ सहित कई फिल्मों में भी काम कर लिया।
राहुल बहुत खुश हैं, उनका कहना है, मैं मुंबई नहीं गया, लेकिन बनारस में ही मुझे वह सपना जीने का मौका दिया जो मैंने थिएटर में काम करते हुए कभी देखा था। राहुल एक बड़े डायरेक्टर के साथ इस समय चंबल पर आधारित एक फिल्म की शूटिंग भी कर रहे हैं। यह भी काम उन्हें बनारस में रहते हुए ही मिला। अनुष्का ने एक दो नहीं बल्कि कई फिल्मों और सीरियलों में बनारस में रहकर काम किया और कभी मुंबई ही नहीं गई। उनका कहना है कि मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि मैं बनारस में रहते हुए ब्रह्मास्त्र, भूल चूक माफ, अरशद वारसी की चर्चित ओटीटी फिल्म अघोरी में महत्वपूर्ण किरदार निभा चुकी हैं। अनुष्का का कहना है कि पहले मैं इंडस्ट्री में डरती थी, लेकिन मेरा डर बनारस में रहते हुए ही खोल दिया गया और आज मैं एक के बाद एक कई फिल्मों में काम कर चुकी हूं। आने वाले समय में कई बड़े डायरेक्टर्स के साथ में शूटिंग कर रही हूं।
बनारस की सकरी गली में रहने वाले मनीष चौरसिया का फिल्म जगत से कभी कोई नाता नहीं था, न परिवार में ना रिश्तेदारी में कभी कोई फिल्मी दुनिया से जुड़ा था। कभी किसी एक्टिंग स्कूल में नहीं गए, ना कभी कहीं काम किया बस सोशल मीडिया के दौर में खुद को प्रेजेंट करने का एक जुनून था, जो देखते ही देखते इस कदर हावी हुआ कि उन्होंने बनारस में रहते हुए ही भोजपुरी फिल्मों के साथ हिंदी फिल्म और कई सीरियल काम किया। मनीष का कहना है कि उनका पहला उद्देश्य मुंबई जाना है, ताकि वह अपने सपने को और बड़ा रूप दे सके, लेकिन उन्हें यह यकीन नहीं होता कि बनारस में रहकर बिना किसी फिल्मी बैकग्राउंड के उनका यह सपना पूरा हो रहा है। अभी वह कई फिल्मों में काम कर रहे हैं और कई में शूट हो चुके हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि वाराणसी में डायरेक्टर शूटिंग करना बेहद पसंद कर रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि मुंबई या किसी अन्य शहर में फिल्म सिटी में शूट करने के दौरान अलग-अलग सेट की जरूरत होती है, जिसमें खर्च भी ज्यादा होता है। लेकिन, बनारस में शूट करने के लिए किसी तरह का सेट या अलग सेटअप नहीं चाहिए। यहां के गंगा घाट, गालियां और यहां के घाटों की सीढ़ियां और मंदिर अपने आप में एक रेडीमेड सेटअप का काम करते हैं। इस बारे में मुंबई में काफी दिनों तक बालाजी टेलीफिल्म, अधिकारी ब्रदर्स, बीआर चोपड़ा और कई बड़े प्रोडक्शन हाउस के साथ काम करने वाले सीनियर डायरेक्टर विभांशु शेखर का कहना है कि इसमें कोई कहने में गुरहेज नहीं है कि बनारस में बहुत कुछ बदल गया है।
फिल्म इंडस्ट्री से लेकर डिजिटल और यूट्यूब प्लेटफार्म पर आने वाली शॉर्ट फिल्मों से लेकर मशहूर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली फिल्मों ने लोकल कलाकारों को बहुत बड़ा प्लेटफार्म दिया है। कल तक जो कलाकार मुंबई, दिल्ली बेंगलुरु या दक्षिण भारत जाकर बड़े शहरों में रहकर स्ट्रगल करते थे, डायरेक्टर्स के पास जाकर काम मांगते थे, आज उन्हें अपने घर में रहते हुए काम मिल रहा है।
डायरेक्टर्स खुद छोटे शहरों में आ रहे हैं और काम दे रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि बड़े शहरों से कलाकारों को लेकर आना खर्चा और अन्य मामलों में महंगा पड़ता है। उनको आने जाने का खर्च, रहने का खर्च कन्वेंस सब देना पड़ता है, लेकिन जब लोकल कलाकार होता है तो उसे कम पैसों में ही ज्यादा काम मिल जाता है और अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका भी मिलता है। इस कंडीशन में डायरेक्टर भी कलाकारों को उनके शहर से ही तलाश रहे हैं। खास तौर पर यूपी में काम करने वाले कलाकारों में बनारस, लखनऊ, कानपुर सहित कई अन्य ऐसे शहर हैं, जहां से कई ओरिजिनल कलाकार वैसे माहौल में काम करने के लिए मिल रहे हैं, जैसी डायरेक्टर्स को जरूरत है। उनकी लैंग्वेज उनका रहन-सहन लाइफस्टाइल सब बिल्कुल सटीक सेट हो जाता है। उन्हें बहुत सीखने की जरूरत नहीं होतीइस वजह से डायरेक्टर्स भी रीजनल शूंटिंग स्पॉट पर लोकल आर्टिस्ट को ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं।
बनारस में बनी फिल्में
- मिर्जापुर वेब सीरीज
- ब्रह्मास्त्र
- वनवास
- घातक
- रांझणा
- असुर वेब सीरीज
- अघोरी
- विकी कौशल अभिनीत मसान
- मुक्ति भवन
- सनी देओल की मोहल्ला अस्सी
- रानी मुखर्जी की लागा चुनरी में दाग
- अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी की बंटी बबली
- दक्षिण भारत की अभिनेत्री तमन्ना भाटिया की ओडेला 2
- राजकुमार राव अभिनय की भूल चूक माफ
- अनुराग कश्यप की गैंग ऑफ वासेपुर
- आयुष्मान खुराना की शुभ मंगल ज्यादा सावधान
- अभी रांझणा-2 की शूटिंग जारी है
Bollywood को क्यों पसंद आता है बनारस
- बनारस के घाट और यहां की गलियां इस्टैबलिश्ड सेटअप हैं।
- कम बजट में बनारस में शूटिंग करना आसान है।
- बीते 10 सालों में बनारस में फिल्म शूटिंग का क्रेज बढ़ा है।
- बड़े से बड़े फिल्म डायरेक्टर और कलाकार अपने फिल्म के प्रमोशन के लिए वाराणसी जरूर आते हैं।
- हाल ही में मशहूर डायरेक्टर राजामौली अपनी सबसे बड़ी फिल्म RRR के प्रमोशन के लिए अपने कलाकारों के साथ वाराणसी आए थे।
- जाट फिल्म के प्रमोशन के लिए सनी देओल ने वाराणसी को चुना।
- अक्षय कुमार सहित अमिताभ बच्चन और कई बड़े कलाकार फिल्मों के प्रमोशन के लिए वाराणसी आ चुके हैं।
- बीते 10 सालों में बनारस में सैकड़ों फिल्मों की शूटिंग हुई है, जिसमें हिंदी, तमिल, तेलगु, कन्नड़ मूवीज शामिल है।
ओटीटी ने दिया बड़ा प्लेटफार्म। बड़े बजट की मूवीज बनारस में हमेशा से शूट होती रहीं हैं इन फिल्मों में लोकल कलाकारों को कम मौका मिलता था। मिर्जापुर, अघोरी, असुर, मुक्ति भवन सहित तमाम हिट फिल्मों ने बनारस में शूटिंग के दौरान कलाकारों को बड़े मौके दिए। इसके अलावा सीरियल और रियलिटी शोज जो क्राइम बसे वह अन्य मामलों पर बना रहे हैं उनमें लोकल कलाकारों को खूब काम मिल रहा है।
वर्तमान समय में बनारस के 100 से ज्यादा लोकल कलाकार फिल्मों ओट और अन्य प्लेटफार्म पर बनारस में रहते हुए काम कर रहे हैं नगरी नाटक मंडली समेत अन्य जगहों पर स्टेज शो करने वाले कलाकारों को बड़े मौके घर बैठे मिलने लगे हैं। बनारस की सुमन पाठक, रति शंकर त्रिपाठी समेत कई कलाकार बड़ी फिल्मों में बड़े किरदार निभा रहे हैं। अनुराग कश्यप, अनुराग बसु और कई डायरेक्टर्स वाराणसी और आसपास के शहरों में फिल्में शूट करना ज्यादा पसंद करते हैं।
