उत्तराखंड उधम सिंह नगर,
नगर पालिका गदरपुर फिर विवादों के घेरे में, आखिर कैसे सुलझेंगे आपसी विवाद
हमेशा सुर्खियों में रहने वाली गदरपुर नगर पालिका फिर एक बार विवादों में घिरती नजर आ रही है।
प्रदेश में हुए निकाय चुनाव के बाद गदरपुर में भी नए बोर्ड का गठन हुआ और सभी सभासदों सहित पालिका अध्यक्ष को पद ओर गोपनीयता की शपथ सात फरवरी को उप जिलाधिकारी के माध्यम से दिलाई गई। शपथ समारोह के बाद से ही नए बोर्ड में आपसी फूट देखने को मिली।
पालिकाध्यक्ष सभासदों को अपने पलड़े में करने के लिए जगह-जगह मीटिंग कर उन्हें रिझाने का काम करते नजर आए तो वहीं अधिशासी अधिकारी शपथ समारोह में हुए
अपने निजी खर्च का दुखड़ा सुनाते नजर आ रहे हैं और जिनकी चेयरमैन से हिसाब को लेकर नाराजगी भी सामने नजर आई है। एक युवक ने बताया कि पालिका में सभासद से ज्यादा उनके प्रतिनिधियों को तानाशाही चलती है।
अब इन सब हालातों में नगर पालिका ऐसा क्या काम जनता के लिए कर पाएगी जो मिसाल बनकर सामने आए। कुछ भी हो चुनाव को निपटे लगभग चार माह होने वाले हैं, लेकिन
पालिका बोर्ड अपनी ही आपसी कलह को सुलझाने में नाकाम साबित हो रहा है। वहीं शनिवार को नगर पालिका गदरपुर में पालिका अंतर्गत होने वाले दैनिक बाजार तहबाजारी, बुध बाजार, मछली पालन तालाब और टुकटुक के ठेके की खुली बोली के बाद नगर में कार्य करने वाले सफाई कर्मचारी भी अपना दुखड़ा सुनाते नजर आए।
इसी बीच वार्ड नंबर 2 से सभासद प्रतिनिधि इदरीश और सफाई कर्मियों
के बीच तीखी नोकझोंक भी हो गई। नोकझोंक के चलते भारी हंगामा हो गया और मामला बिगड़ते देख किसी तरह अधिशासी अधिकारी संजीव मल्होत्रा ने मोर्चा संभाला और सफाई कर्मियों को आश्वासन दिलाया कि उनकी मांगों को सुना जाएगा।
सफाई कर्मियों के सुपरवाइजर उमेश ने आरोप लगाया कि सभासद प्रतिनिधियों की तानाशाही नहीं चलेगी, जो सभासद हो सिर्फ उसकी ही बात को सुना जाएगा और सफाई कर्मियों की संख्या को बढ़ाए जाने की मांग भी की। सफाई कर्मचारियों को वर्दी ड्रेस दी जाए।
वहीं अधिशासी अधिकारी ने सभी मांगों को सुनते हुए उच्च अधिकारियों से वार्तालाप करने के बाद निस्तारण का आश्वासन दिया। किसी तरह सफाई कर्मियों का मामला शांत तो हुआ, लेकिन कब तक यह मामला शांत रह पाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
