फास्ट न्यूज इंडिया उत्तर प्रदेश अंबेडकरनगर। किसानों की आय दो गुना करने के उद्देश्य से सरकार ने सोलर प्लांट से पंप संचालित करने की कुसुम घटक सी-वन योजना शुरू की है। इसके लिए किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। इसमें केंद्र का 30 और राज्य सरकार का 60 प्रतिशत अनुदान होगा। इससे ट्यूबवेल चलाने में आने वाला खर्च बचेगा। वहीं, आनग्रिड में बची ऊर्जा को किसान बिजली विभाग को बेचकर आय बढ़ा सकेंगे। जिले में अब तक 20 लोगोंं ने योजना के लाभ पाने के लिए आवेदन किया है।बिजली संकट से किसानों को राहत देने के लिए सरकार अब उनके निजी ट्यूबवेल को भी सोलर प्लांटों से जोड़ेगी। ऐसा होने से किसानों को हर साल बिजली पर खर्च होने वाले हजारों रुपये की बचत होगी। उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत कुसुम घटक सी-वन योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत किसानों के बिजली से संचालित निजी नलकूपों को सोलर से जोड़ा जा रहा है।90 प्रतिशत मिलेगा अनुदान
योजना का लाभ लेने वाले किसानों को राज्य सरकार की ओर से 60 और केंद्र सरकार की ओर से 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। किसानों को 10 किलो वाट के इस सिस्टम पर आने वाली करीब करीब साढ़े छह लाख रुपये लागत का सिर्फ 10 प्रतिशत ही खर्च करना होगा। योजना के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैंयह देनी होगी जानकारी-
किसान को आवेदन करते समय कुछ जानकारियां देनी होंगी। इसमें पंप के नाम पर बिजली कनेक्शन, मीटर्ड है या अनमीटर्ड। निजी आनग्रिड पंप लगवाने के लिए आवेदक सहमत है या नहीं। प्रति किलोवाट के हिसाब से 10 वर्ग मीटर जमीन की जानकारी भी किसान को देनी होगी।यूनिट की दर से बिजली विभाग करेगा भुगतान
सोलर प्लांट योजना का लाभ लेने वाले किसानों को बिजली विभाग आय भी कराएगा। योजना के तहत किसान के बिजली खर्च करने के बाद बची बिजली किसान बेच भी सकेंगे। बिजली विभाग प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करेगा।
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वर्जन-
90 प्रतिशत तक मिलेगा अनुदान
कुसुम घटक सी-वन योजना के तहत 20 लोगों ने आवेदन किया है। इसके लिए किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। इसका लाभ पाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया निरंतर जारी है।
प्रवीणनाथ पांडेय, परियोजना निदेशक नेड
अंबेडकर नगर बूरो चीफ सुनील डूबे
