भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद आज भारतीय सेना के तीनों विंग के महानिदेशक स्तर के अधिकारियों ने लगातार दूसरे दिन प्रेस वार्ता की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ब्रीफिंग के दौरान डीजीएमओ राजीव घई ने विराट कोहली के टेस्ट से संन्यास को लेकर भी बातचीत की। साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के दो महान तेज गेंदबाज जेफ थॉमसन और डेनिस लिली का जिक्र भी किया। इन दिग्गजों का उदाहरण देकर डीजीएमओ ने पूरी दुनिया को चेतावनी दी।
विराट के संन्यास पर क्या बोले डीजीएमओ?
भारतीय डीजीएमओ राजीव घई.ने कहा- 'मैं आपको इस उदाहरण के जरिये से एक ये एस्पेक्ट हाइलाइट करना चाहता हूं। जब मैं स्कूल में था तो तकरीबन तब ये 1970 का दशक था। उस समय इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच में एशेज सीरीज चल रही थी। आज शायद क्रिकेट की बात भी करनी चाहिए क्योंकि मैं देख रहा था कि विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। कई भारतीयों की तरह वह मेरे भी पसंदीदा क्रिकेटर हैं।'
थॉमसन-लिली का जिक्र कर डीजीएमओ ने दी दुनिया को चेतावनी
राजीव घई ने पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा- 'तो 1970 के दशक में एशेज सीरीज चल रही थी। उस समय ऑस्ट्रेलिया के दो दिग्गज तेज गेंदबाज जिनका क्रिकेट के इतिहास में बहुत बड़ा नाम है- जेफ थॉमसन और डेनिस लिली। उन्होंने अंग्रेजी बल्लेबाजी और उनकी बल्लेबाजी लाइन अप को तहस नहस कर दिया था। ऑस्ट्रेलियाई ने उस समय एक कहावत निकाली थी- राख से राख और धूल से धूल तक अगर थॉमसन नहीं कर पाते हैं तो लिली जरूर कर देंगे। अगर आप इस लेयर को देखेंगे तो आप समझ जाएंगे कि मैं थॉमसन और लिली के उदाहरण से क्या कहने की कोशिश कर रहा हूं। तो अगर दुश्मन सारे सिस्टम्स को पार कर भी गए तो आपको फिर भी एयरफील्ड या फिर लॉजिस्टक इंस्टालेशंस या जो भी चीज को आप टारगेट कर रहे हैं, उसमें पहुंचने से पहले कोई न कोई लेयर्ड ग्रिड का सिस्टम जरूर गिरा देगा।'
कौन हैं जेफ थॉमसन?
जेफ थॉमसन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व महान तेज गेंदबाज हैं। उन्होंने 1972 से लेकर 1985 तक ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया। थॉमसन ने कंगारुओं के लिए 51 टेस्ट और 50 वनडे मैच खेले। टेस्ट में उन्होंने 28 की बेहतरीन औसत और 52.6 के बेहतरीन स्ट्राइक रेट से 200 विकेट लिए। वहीं, वनडे में उन्होंने 35.30 की औसत और 49 के शानदार स्ट्राइक रेट से 55 विकेट लिए थे। टेस्ट में उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 46 रन देकर छह विकेट है, जबकि वनडे में उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 67 रन देकर चार विकेट है।
कौन हैं डेनिस लिली?
वहीं, डेनिस लिली ने 1971 से लेकर 1984 तक ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधत्व किया। उन्होंने कंगारुओं के लिए 70 टेस्ट और 63 वनडे खेले। टेस्ट में उनके नाम 23.92 की बेहतरीन औसत और 52 के स्ट्राइक रेट से 355 विकेट लिए। वहीं, वनडे में उन्होंने 20.82 की बेहतरीन औसत और 34.8 के स्ट्राइक रेट से 103 विकेट लिए। टेस्ट की एक पारी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 83 रन देकर सात विकेट है, जबकि वनडे में 34 रन देकर पांच विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
थॉमसन और लिली ने बरपाया था कहर
जेफ थॉमसन और डेनिस लिली के विश्व क्रिकेट पर प्रभाव के बारे में आप इस बात से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि दोनों ने 1974 से लेकर 1985 तक इंग्लैंड के बल्लेबाजों को घुटने पर ला दिया था। थॉमसन ने इस दौरान एशेज में 20 मैचों में ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज्यादा 97 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 46 रन देकर छह विकेट रहा था। वहीं, लिली थॉमसन के बाद दूसरे नंबर पर रहे। उन्होंने इस दौरान एशेज में 17 टेस्ट में 89 विकेट लिए थे। लिली का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89 रन देकर सात विकेट रहा था। थॉमसन को दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में से भी एक माना जाता है। 1974 से लेकर 1983 तक ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच छह एशेज टेस्ट सीरीज खेली गईं। इनमें से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने तीन-तीन सीरीज जीतीं। 1974 और 1975 में ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दो बार सीरीज पर कब्जा जमाया। इसके बाद 1977, 1978 और 1981 में इंग्लैंड ने लगातार तीन सीरीज जीतीं। फिर 1982 में ऑस्ट्रेलिया ने वापस से एशेज पर कब्जा जमाया।