भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है। पाकिस्तान भारतीय सीमा पर लगे क्षेत्रों में ड्रोन हमले कर रहा है तो वहीं भारतीय सेना पाकिस्तान के मंसूबों और हमलों को नाकाम कर रही है। इस दौरान भारत की तरफ आ रहे टारगेट्स को वायु रक्षा प्रणाली 'एस-400 सुदर्शन चक्र मिसाइल सिस्टम' से निशाना बनाया। इसके अलावा स्वदेशी मिसाइल सिस्टम "आकाश" से पाकिस्तानी हमले को नाकाम किया। आईएनएस विक्रांत भी पानी से भारत की सुरक्षा में मुस्तैद है। भारतीय वायुसेना के पास दमदार राफेल फाइटर जेट हैं, जो तनाव की स्थिति के लिए तैयार हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह लगातार भारत की कार्रवाई और पाकिस्तान व पाकिस्तान में रह रहे आंतकियों पर अपडेट दे रही हैं, वहीं एक महिला पायलट पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपनी बारी के इंतजार में हैं। इस महिला पायलट का नाम शिवांगी सिंह है, जिन्हें राफेल की शेरनी भी कहा जाता है। शिवांगी सिंह भारत के दमदार लड़ाकू विमान राफेल को उड़ाने वाली एकमात्र महिला पायलट हैं। आइए जानते हैं फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह के बारे में।
शिवांगी सिंह कौन हैं?
उत्तर प्रदेश के प्राचीन शहर वाराणसी के फुलवरिया रेलवे क्रासिंग के पास एक सामान्य परिवार में जन्मीं शिवांगी सिंह ने अपने छोटे-से घर से ऊंचे सपने देखे। पिता कुमारेश्वर सिंह, माता सीमा सिंह और तीन भाई-बहनों के इस परिवार में संस्कारों के साथ-साथ देशसेवा की भावना भी गहराई से रची-बसी थी। उनके नाना बीएन सिंह, भारतीय सेना में कर्नल थे।
पायलट शिवांगी सिंह की शिक्षा
शिवांगी ने वाराणसी के सेंट मेरीज स्कूल और बाद में सेंट जोजर्स कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई की। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाली शिवांगी ने 12वीं में 89% अंक हासिल किए। उन्होंने सनबीम विमेंस कॉलेज, भगवानपुर से बीएससी की डिग्री ली और साथ ही NCC से जुड़कर अपने सैन्य सपनों को आकार देना शुरू किया। खेल के मैदान में भी वह उतनी ही निपुण रहीं। उन्होंने जैकलिन थ्रो में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीता। गणतंत्र दिवस परेड 2013 में उत्तर प्रदेश एनसीसी दल का प्रतिनिधित्व भी किया।
वायुसेना की ओर पहला कदम
एनसीसी के जरिए शिवांगी ने सैन्य अनुशासन और वायुसेना के बारे में जाना। एक बार वह नाना के साथ वायुसेना संग्रहालय घूमने गईं। वह वायुसेना से इस कदर प्रभावित हुईं कि शिवांगी सिंह ने फाइटर पायलट बनने की ठान ली।
भारतीय वायुसेना में गौरवशाली सफर
2015 में शिवांगी ने भारतीय वायुसेना की परीक्षा उत्तीर्ण कर डेढ़ साल तक कठोर प्रशिक्षण लिया। 2017 में उन्हें देश की पहली पांच महिला फाइटर पायलटों की ऐतिहासिक टीम में शामिल किया गया। प्रशिक्षण के बाद उन्होंने मिग-21 जैसे सुपरसोनिक फाइटर जेट पर उड़ान भरी। इस दौरान उनकी पोस्टिंग राजस्थान के उस एयरबेस पर हुई, जो पाकिस्तान सीमा के करीब है। यहीं उन्होंने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ भी काम किया।
राफेल उड़ाने वाली पहली महिला पायलट
साल 2020 में जब फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप भारत लाई गई, तब फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह को इस अत्याधुनिक विमान के स्क्वाड्रन गोल्डन ऐरो का हिस्सा बनाया गया। इस तरह वे राफेल उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट बनीं।
