फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया यूपी हापुड़। एक छात्र ने जिलाधिकारी को मेल करके स्कूल की मनमानी की शिकायत की। छात्र ने कहा कि लाइट चले जाने पर कमरों में पंखे नहीं चलते हैं, जबकि उनसे फीस में जेनरेटर का शुल्क लिया जाता है।
वहीं दोपहर में साढ़े 12 तक का आदेश होने के बावजूद उनकी छुट्टी दो बजे की जाती है। उस समय भीषण गर्मी होती है। मेल प्राप्त होते ही डीएम स्कूल में पहुंच गए।
डीएम ने स्कूल प्रबंधन को दिए व्यवस्था में सुधार के निर्देश
उन्होंने छात्र के बारे में तो जानकारी नहीं दी, लेकिन स्कूल प्रबंधन को व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए। वहीं प्रधानाचार्या और प्रबंधक को यह अहसास नहीं होने दिया कि वह शिकायत पर आए हैं।
शहर के प्रतिष्ठित स्कूल के कक्षा नौ के छात्र ने डीएम को मेल किया था। जिलाधिकारी के सरकारी मेल पर छात्र ने कहा था कि वह अपनी परेशानी बताना चाहता है। इसके साथ ही यह भी चाहता है कि उसकी पहचान स्कूल स्टाफ के सामने नहीं आ सके।
छात्रों से फीस के साथ लिया जाता है जेनरेटर का शुल्क
पहचान उजागर होने से उसको परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वहीं शिक्षक फेल भी कर सकते हैं। छात्र ने मेल में बताया कि दिन में कई बार लाइट चली जाती है। तब कमरों में पंखे नहीं चलते हैं। जबकि फीस के साथ में बैकअप के रूप में जेनरेटर का शुल्क लिया जाता है।
वहीं साढ़े 12 बजे के स्थान पर उनकी छुट्टी दोपहर में दो बजे की जाती है। तब बहुत ज्यादा गर्मी होती है। मेल मिलने के बाद सुबह ऑफिस जाने से पहले डीएम संबंधित स्कूल में जा पहुंचे। वहां पर प्रधानाचार्य व प्रबंधक के साथ बैठक की। डीएम करीब 30 मिनट तक स्कूल में रुके।
उन्होंने देखा और प्रबंधन को पंखे चलवाने व समय से छुट्टी करने के निर्देश दिए। हालांकि उन्होंने छात्र के बारे में शिक्षकों को जानकारी नहीं दी। डीएम की त्वरित कार्रवाई की छात्रों और शिक्षकों में जोरदार चर्चा है। छात्र ने भी डीएम को धन्यवाद बोला है। रिपोर्ट मोहित गुप्ता 151022222
