फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया
डायबिटीज वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का कारण बनी हुई है। ब्लड शुगर बढ़े रहने की स्थिति संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली हो सकती है। भारतीय आबादी में भी ये बीमारी तेजी से बढ़ती जा रही है। अध्ययनकर्ताओं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम का मानना है कि आने वाले वर्षों में ये बीमारी भारतीय आबादी के लिए और भी चिंता बढ़ाने वाली हो सकती है।
इसी को लेकर इंडियन डायबिटीज फेडरेशन (आईडीएफ) की हालिया रिपोर्ट डराने वाली है। भारत में अभी 89.8 मिलियन (8.94 करोड़) लोग मधुमेह की समस्या का शिकार हैं, विशेषज्ञों की टीम ने अलर्ट किया है कि साल 2050 तक भारत में मधुमेह के मामलों में 73% की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 156 मिलियन (15.6 करोड़) से अधिक लोगों तक पहुंच सकता है।
जिस तरह से जीवनशैली में गड़बड़ी, अनियमित आहार, तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी जैसी स्थितियां बढ़ती जा रही हैं, ये देश के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बढ़ा सकता है। ये सिर्फ उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या नहीं रह गई है, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी डायबिटीज का शिकार पाए जा रहे हैं।
संपूर्ण शरीर पर हो सकता है डायबिटीज का असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताते हुए कहा है कि सभी उम्र के लोग इस क्रॉनिक बीमारी का शिकार होते जा रहे हैं। डायबिटीज सिर्फ ब्लड शुगर बढ़ने की समस्या तक ही सीमित नहीं हैं, ये आंखों, किडनी, तंत्रिका तंत्र सहित संपूर्ण स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। इसके चलते आने वाले वर्षों में इन बीमारियों के कारण भी स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव बढ़ने का जोखिम हो सकता है। यही कारण है कि हमें अभी से सावधान हो जाने जरूरत है।
आधे लोगों को अपनी बीमारी का पता ही नहीं
वैश्विक स्तर पर डायबिटीज के मामलों पर नजर डालें तो पता चलता है कि हर नौ वयस्क में से एक को ये बीमारी है। दुनियाभर में 589 मिलियन (58.9 करोड़) से अधिक लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि इनमें से अनुमानतः 252 मिलियन (25.2 करोड़) लोगों को अभी तक पता ही नहीं है कि उन्हें यह बीमारी है, जिससे उनमें गंभीर जटिलताओं और समय से पहले मृत्यु का अधिक जोखिम हो सकता है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ने बैंकॉक में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कई लोगों में डायबिटीज का निदान ही तब हो पाता है जब उनमें ये बीमारी शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करना शुरू कर देती है। ये चौंकाने वाले निष्कर्ष अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ के मधुमेह एटलस के 11वें संस्करण में प्रस्तुत किए गए हैं।
इस डेटा पर भी दें ध्यान
नवीनतम डेटा से पता चलता है कि विश्व स्तर पर 589 मिलियन वयस्क (20-79 वर्ष) मधुमेह से पीड़ित हैं। यू.एस., कनाडा, मैक्सिको और भारत सहित कई देशों में इसके मामले काफी अधिक है।
मधुमेह से पीड़ित वयस्कों की अनुमानित संख्या 2050 तक 853 मिलियन (85.3 करोड़) तक पहुंचने का अनुमान है। मधुमेह से पीड़ित 4 में से 3 वयस्क निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं।
मधुमेह हर साल 34 लाख से अधिक मौतों का कारण बनता है।
8 में से एक वयस्क को टाइप 2 डायबिटीज होने का उच्च जोखिम है।
20 वर्ष से कम आयु के 18 लाख बच्चे और युवा वयस्क टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं।
हृदय रोगों के भी बढ़ सकते हैं मामले
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मधुमेह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। इससे प्रभावित लोगों में हृदय संबंधी रोग, किडनी फेलियर जैसी जानलेवा दिक्कतें भी हो सकती हैं। डेटा से पता चलता है कि टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में (सभी मधुमेह के 90% से अधिक के लिए जिम्मेदार) हार्ट फेलियर जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा 84% अधिक हो सकता है। हृदय रोग पहले से ही काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में मधुमेह के कारण ये खतरा और भी बढ़ सकता है।
