फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने शनिवार को मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। उसके पहले यह खबर प्रकाशित करना उचित नहीं होता, लेकिन अब यह जानना भी बहुत रोचक है कि परीक्षा में सर्वाधिक नंबर हासिल करने वालों के बीच टॉपर्स का चुनाव इस बार बिहार बोर्ड ने किन सवालों का जवाब पाकर किया। इस खबर के लिए 'अमर उजाला' रिपोर्टर ने पिछले हफ्ते शुक्रवार और शनिवार का पूरा दिन उन 600 परीक्षार्थियों के साथ बिताया, जिन्होंने इंटर परीक्षा में सर्वाधिक नंबर हासिल किए थे। उनमें से ही चुनकर कला संकाय के 13, वाणिज्य संकाय के सात और विज्ञान संकाय के आठ परीक्षार्थियों को इंटर परीक्षा के टॉप 5 में जगह दी गई।
25 मार्च को परिणाम से पहले दो दिन हुई जांच
बिहार बोर्ड के परीक्षा परिणाम के बाद जब एक बार टॉपर चुने जाने में खेल का खुलासा हुआ और सामने आया कि जिन्हें स्टेट टॉपर घोषित किया जा रहा है, उन्हें विषयों के नाम तक नहीं पता; उसके बाद से 'दूध का जला छाछ फूंकता है' वाली स्थिति रह रही है। इसी के कारण बिहार बोर्ड अब इंटर या मैट्रिक परीक्षा के टॉपर्स की घोषणा से पहले इनका फिजिकल वेरीफिकेशन कराता है। विषयों के एक्सपर्ट का पैनल रखकर इंटर परीक्षा में सर्वाधिक नंबर हासिल करने वालों से उनके विषयों पर सवाल-जवाब कराया जाता है। इस बार भी यही हुआ। जो जिस संकाय के परीक्षार्थी थे और जिनका जो भी ऐच्छिक विषय था, उनसे उस तरह के सवाल पूछे गए। पिछले हफ्ते, 21-22 मार्च को यह फिजिकल वेरीफिकेशन हुआ था। इस दौरान इस बार बहुत ही अजीब अव्यवस्था दिखी, क्योंकि कुछ कोचिंग वालों को इसकी पहले से जानकारी थी और वह सर्वाधिक नंबर लाने वाले हरेक परीक्षार्थी को अपने साथ जोड़ने के लिए ऑफर लेकर बिहार बोर्ड के गेट पर पूरे समय जमे हुए थे।
