फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया
म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप के बाद बचाव कार्य जोरों पर हैं। आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, इस भूकंप में 1,600 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं। महज 24 घंटों में ही मृतकों की तादाद सैकड़ों से बढ़कर एक हजार से ज्यादा हो गई और चूंकि सूचनाएं लगातार आ रही हैं, लिहाजा हताहतों की तादाद में बेतहाशा वृद्धि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। घायलों की तादाद तकरीबन 3,400 है। बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। मांडले और नेपीताव जैसे घनी आबादी वाले शहरों के बड़े हिस्से में बिजली नहीं है। अस्पताल घायलों से अटे पड़े हैं। लोग सड़कों पर डेरा डाले हुए हैं और उनके घर मलबे में तब्दील हो गए हैं। म्यांमार के पड़ोसी देशों ने तेजी से हरकत में आते हुए राहत सामग्री और बचावकर्मियों से भरे युद्धपोत और विमान भेजे हैं। भारत, चीन और थाईलैंड (बैंकाक में निर्माणाधीन एक गगनचुंबी इमारत के ढह जाने के बाद हताहतों की सूचना मिली थी, जबकि यह भूकंप के केंद्र से 1,000 किलोमीटर से ज्यादा दूर स्थित था) उन देशों में शामिल हैं जिन्होंने सहायता भेजी है। भारतीय सैन्य विमानों ने हफ्ते के अंत में म्यांमार के लिए कई उड़ानें भरीं, सामानों की आपूर्ति और खोज-एवं-बचाव दल को राजधानी नेपीताव, जिसके कुछ हिस्से भूकंप से तबाह हो गए हैं, तक पहुंचाया। म्यांमार में चीन के दूतावास के मुताबिक, चीन के कई बचाव दल भी पहुंच चुके हैं। इन बचाव दलों में से एक युन्नान प्रांत से जमीन के रास्ते आया। म्यांमार चार विवर्तनिक (टेक्टोनिक) प्लेटों - यूरेशियन, इंडियन, सुंडा और बर्मा माइक्रोप्लेट के मिलन बिंदु पर एक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है। इन प्लेटों का लगातार खिसकना और टकराना इस क्षेत्र में आने वाले अधिकांश भूकंपों के लिए जिम्मेदार है। शुक्रवार को जिस तीव्रता वाला भूकंप आया, वह असामान्य नहीं हैं। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, म्यांमार के सबसे सक्रिय में से एक सागाइंग फॉल्ट ने 1900 से इसी तीव्रता के छह से आठ भूकंप पैदा किए हैं। म्यांमार का भूकंप 2023 में तुर्किये और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता वाले भूकंप की यादें ताजा कर देता है, जिसमें कम से कम 55,000 लोग मारे गए थे। भले ही भूकंप के समय, स्थान और तीव्रता का सटीक पूर्वानुमान लगाना वर्तमान वैज्ञानिक क्षमता से परे है, लेकिन आशंकाओं का अनुमान लगाया जा सकता है और भूकंपीय परिघटनाओं का सामना करने के लिए मौजूदा बुनियादी ढांचे को मजबूत करना संभव है। वर्ष 2021 में तख्तापलट के बाद से म्यांमार की राजनीतिक अस्थिरता ने बिल्डिंग कोड लागू करने जैसे जरूरी प्रशासकीय मुद्दों से ध्यान हटा दिया है। अब जबकि वर्तमान क्षति की हकीकत को बदला नहीं जा सकता है और इससे उबरने में महीनों लगेंगे, मौजूदा युद्धविराम राजनीतिक स्थिरता को आगे बढ़ाने का मौका प्रदान करता है। यह निवेश को बढ़ावा दे सकता है, विशेषज्ञता को आकर्षित कर सकता है और बेहतर विनियामक संबंधी उपायों – भविष्य की आपदाओं से देश की रक्षा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदमों - को लागू करना सुनिश्चित कर सकता है।
