फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया
हृदय रोगों का खतरा दुनियाभर में तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है, 30 से कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी को स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बढ़ती समस्या की मुख्य वजह मानते हैं। इसके अलावा जिन लोगों का ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल अक्सर बढ़ा हुआ रहता है, उनमें हृदय से संबंधित बीमारियों और गंभीर स्थितियों में हार्ट अटैक होने का खतरा अधिक हो सकता है। हार्ट अटैक जानलेवा स्थिति है जो हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है।
क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे हार्ट अटैक से बचा जा सकता है? अगर आपके मन में भी ये सवाल बना हुआ है तो हालिया अध्ययन की रिपोर्ट में आपको इसका जवाब मिल सकता है।
मायोक्लिनिक प्रोसीडिंग्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने दो ऐसी दवाओं के बारे में जानकारी दी है जो हार्ट अटैक होने की आशंका को काफी कम करने में मददगार हो सकती हैं।
दो दवाओं का संयोजन हो सकता है कारगर
विशेषज्ञों ने बताया कि हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से प्रभावित लोगों को एलडीए (बैड कोलेस्ट्रॉल) और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने के लिए 'स्टैटिन' दवा लेने की सलाह दी जाती रही है।
इस अध्ययन में पाया गया है कि अगर स्टैटिन को एक अन्य प्रकार की कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा 'एजेटीमीब' के साथ मिलाकर दिया जाए तो यह संयोजन दिल के दौरे, स्ट्रोक और अन्य हृदय संबंधी बीमारियों को अधिक प्रभावी तरीके से रोकने में सहायक हो सकती है।
(क्या सिर्फ व्यायाम और अच्छी फिटनेस हृदय को स्वस्थ रखने के लिए काफी नहीं?)
अध्ययनों में देखी गई इसकी प्रभाविकता
आमतौर पर डॉक्टर हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए रोगियों को स्टैटिन लेने की सलाह देते हैं। उसके बाद शरीर पर दवा का क्या असर हो रहा है इसके आकलन के बाद कम से कम दो महीने बाद एजेटीमीब देते हैं। भारत सहित दुनियाभर के विभिन्न संस्थानों के शोधकर्ताओं ने 14 अध्ययनों में एक लाख से अधिक ऐसे रोगियों के डेटा का विश्लेषण किया जिन्हें हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने का खतरा अधिक था।
अध्ययन में पाया गया कि जिन रोगियों की धमनियां अवरुद्ध थीं उन्हें सिर्फ स्टैटिन देने के बजाय साथ में अगर एजेटीमीब भी दिया जाए तो इससे जानलेवा समस्याओं के जोखिमों को काफी कम करने में मदद मिल सकती है।
हार्ट अटैक के खतरे को 16% तक कर सकती है कम
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये उपाय हर साल हृदय रोगों से होने वाली हजारों मौतों को रोकने में मददगार हो सकता है। इन दोनों दवाओं का संयोजन अकेले स्टैटिन की तुलना में हृदय संबंधी समस्याओं से मौत के खतरे को 19-20% तक कम कर सकती है। इससे स्ट्रोक के जोखिमों को भी 17% कम करने में मदद मिल सकती हैं। शोधकर्ताओं ने कहा, ये दवाएं प्रभावी पाई गई हैं हालांकि बिना पूरी जांच या डॉक्टर की सलाह के बिना खुद से इसे नहीं लिया जाना चाहिए। स्टैटिन के साथ आपको एजेटीमीब देना है या नहीं ये डॉक्टर निर्धारित करें।
हार्ट अटैक होने पर तुरंत ले सकते हैं ये दवा
इससे पहले कानपुर हृदय रोग संस्थान के डॉक्टर नीरज कुमार ने दवाओं की एक ऐसी किट के बारे में बताया था जो हार्ट अटैक के समय में 'संजीवनी' साबित हो सकती हैं।
डॉक्टर नीरज कहते हैं, किसी को हार्ट अटैक होने पर तुरंत तीन दवाएं दे दी जाएं तो उसकी जान बचने की संभावना काफी बढ़ सकती है। ये दवाएं उसी तरह से काम करती हैं जैसे हार्ट अटैक के बाद अस्पताल में भर्ती होने पर दी जाने वाली दवाएं।
हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर तुरंत दो इकोस्प्रिन (Ecosprin 75), एक रोसुवास्टेटिन (Rosuvastatin 20mg) खा लें। इसके बाद सोब्रिट्रेट (Sorbitrate 5mg) की टेबलेट को जीभ पर रखकर उसे चूसें। इससे मरीज की जान बचाई जा सकती है। इन दवाओं की कीमत 6-7 रुपये होती है। यानी सात रुपये में आप अपनी जान बचा सकते हैं। हालांकि इसके लिए भी पहले से अपने डॉक्टर से सलाह ले लें।
