फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया
असम सरकार द्वारा गौहाटी उच्च न्यायालय परिसर के स्थानांतरण के फैसले को लेकर गौहाटी उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (जीएचसीबीए) जबरदस्त विरोध कर रहा है। इसी बीच असम के महाधिवक्ता देवजीत सैकिया ने गौहाटी उच्च न्यायालय परिसर को स्थानांतरित करने के सरकार के फैसले पर असहमति जताते हुए गौहाटी उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (जीएचसीबीए) से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि सैकिया ने अपने इस्तीफे को लेकर असम सरकार का ये फैसला यह कदम वकीलों और न्याय वितरण प्रणाली के व्यापक हित में है।
जीएचसीबीए का विरोध
बता दें कि जीएचसीबीए उच्च न्यायालय परिसर को गुवाहाटी शहर के केंद्र से ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर रंगमहल में स्थानांतरित करने का विरोध कर रहा है। मामले में बार एसोसिएशन का कहना है कि यह स्थानांतरण निर्णय एकतरफा है। साथ ही इससे कानूनी कार्यवाही की कुशलता में रुकावट आ सकती है, साथ ही वकीलों और वादियों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
गिरफ्तार
सैकिया ने इस विरोध के बावजूद सरकार और उच्च न्यायालय के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि परिसर का स्थानांतरण कानूनी बिरादरी के लिए बेहतर और अच्छा माहौल प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान परिसर में कई बुनियादी ढांचे की कमियां हैं, जिसके बाद इसके नए स्तान पर जाने से वो कमियां दूर हो सकेंगी।
क्यों हो रहा विरोध, समझिए
गौरतलब है कि गौहाटी उच्च न्यायालय वर्तमान में उज़ान बाज़ार क्षेत्र में स्थित है, जहां एक ऐतिहासिक इमारत के साथ-साथ एक आधुनिक बहुमंजिला भवन भी है। असम सरकार ब्रह्मपुत्र के रिवरफ्रंट को विकसित करने के लिए उच्च न्यायालय की ज़मीन का अधिग्रहण करना चाहती है। इस बात पर जीएचसीबीए अपना विरोध दर्ज कर रहा है।
