फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया
लोकसभा में दिए बयान पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) बरेली शाखा के पदाधिकारी और आंवला के सपा सांसद आमने-सामने आ गए हैं। चिकित्सकों ने सांसद को अपने बयान पर माफी मांगने की मांग की है। इस पर सांसद ने कहा कि जनता से सर्वे कराएं, अगर बात गलत साबित हुई तो माफी मांग लूंगा। सांसद ने एम्स की मांग और मजबूती से संसद में उठाने की बात कही है।
आंवला सांसद नीरज मौर्य का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना उनकी प्राथमिकता है। इसलिए उन्होंने एम्स की मांग संसद में की थी।
संसद में दिए गए पत्र में कहा है कि आंवला लोकसभा क्षेत्र में कोई बड़ा सरकारी अस्पताल न होने से आबादी को गंभीर रोगों के इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है। अक्सर गंभीर रोगी समय से इलाज न मिलने पर दम तोड़ देते हैं। बरेली जिले में निजी अस्पताल लूट का अड्डा बने हैं। गरीब व्यक्ति अक्सर इन अस्पतालों का शिकार होते हैं। वह धनाभाव से इलाज नहीं करा पाता। वहीं, सपा प्रवक्ता मयंक शुक्ला मॉन्टी ने कहा कि निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों के उत्पीड़न के कई मामले आए हैं। बिल न देने पर मृतकों का शव न देने जैसी अमानवीय घटनाएं भी हुई हैं। अगर आरोप लगाने वालों ने बयान वापस न लिए तो निजी अस्पतालों का खेल सामने लाया जाएगा। चिकित्सकों ने किया बयान का विरोध भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक डॉ. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने कहा कि आंवला सांसद का निजी अस्पतालों को लूट का अड्डा कहना चिकित्सकों का अपमान है। निजी अस्पताल आयुष्मान के मरीजों का निशुल्क इलाज कर रहे हैं। बयान पर माफी मांगनी चाहिए। भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के सह संयोजक डॉ. विमल भारद्वाज ने कहा कि सांसद की टिप्पणी निंदनीय है। बरेली में एम्स हो, यह मांग निजी चिकित्सक लंबे समय से कर रहे हैं। भाजपा जनप्रतिनिधि प्रयासरत हैं। निजी अस्पताल पर गलत बयान देने पर माफी मांगनी होगी। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह ने कहा कि एम्स स्थापना की मांग नई नहीं है। निजी अस्पताल को निशाना बनाना उचित नहीं है। सभी चिकित्सकों और अस्पतालों को एक नजर से देखना ठीक नहीं है। सस्ती लोकप्रियता के लिए गलत बयानबाजी उचित नहीं है। वरिष्ठ आईएमए सदस्य डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि सपा सांसद का बयान निंदनीय और अपमानजनक है। डॉक्टर कभी लूटते नहीं, बल्कि वह मरीज को बेहतर सुविधा देने का प्रयास करते हैं। यह सामाजिक वैमनस्य बढ़ाने वाला बयान है, जोकि गलत है।
