फास्ट न्यूज़ राजस्थान
*जयपुर:* महिलाओं के साथ आपराधिक घटनाओं का नाम नहीं ले रही हैं। हर दिन कहीं न कहीं महिलाओं और दोस्तों के साथ अपराध हो रहे हैं। इस तरह की पारिवारिक कहानियां महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं और घर में भी उन पर बातचीत शुरू हो जाती है। ऐसे विषैले विकारों में महिलाओं का मजबूत होना और एक दूसरे के लिए अनुभव की आवश्यकता होती है। राजस्थान रॉयल्स ने रक्षा कवच अभियान पत्रिका के तहत जयपुर रोड पर डस्क एंड डेन होटल में 'महिला अपराध' विषय पर टॉक शो का आयोजन किया। मनुमार्ग किटी क्लब की महिलाओं ने कहा कि पत्रिका के इस अभियान को नारी शक्ति को समर्पित किया गया है। जरूरत है कि हर घर तक इस अभियान में अमेरिका में अधिक से अधिक महिलाओं को लाभ मिले। महिलाओं ने कहा कि जब हम एक दूसरे के लिए आवाज उठाएंगे तब ही महिला पर अपराध हो सकता है। महिलाएं घर के बाहर और घर के अंदर एक दूसरे को मजबूत बनाती हैं।
महिला समूह पर हो रही अपवित्रता को रोकने के लिए जागरुकता के कार्यक्रम में समय-समय पर लगाया जाना चाहिए, जिसमें ज्यादातर महिलाएं वेश्यावृत्ति प्रथा प्रचलित हैं। इससे जुड़े मानसिक रूप से मजबूर हैं। अगर किसी के साथ गलत हो रहा है तो सामूहिक आवाज विवादास्पद।
*तानिया दुरानी, मनुमार्ग:*
सरकारी प्रशासन और महिला सुरक्षा पर बड़े पैमाने पर दावे किये जा रहे हैं, लेकिन उद्यम पर काम नहीं हो रहा है। ऐसे में महिलाओं की उम्र भर ऐसे अपशगुन के प्रति सचेत हो जाते हैं। एक महिला जागरुक होती है तो वह पूरे परिवार को भी जागरुक कर सकती है। ऑनलाइन ऑनलाइन कैसे खरीदें, इसकी जानकारी जरूरी है।
*बबिता धार, मनुमार्ग:*
अक्सर ऐसा माना जाता है कि अशिक्षित महिलाएं साइबर टीचरों का शिकार करती हैं, लेकिन अब देखा जा रहा है कि पढ़ी-लिखी महिलाएं भी इस तरह के अपराध का शिकार हो रही हैं। महिलाओं को बंधक बनाकर रखा गया, तब तक ऐसे अपमान किया जा सकता है। पत्रिका की यह पहली अच्छी है।
*अमर प्रीत कौर, मनुमार्ग:*
आजकल महिलाएं सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा सक्रिय हैं। उन्हें यह पता नहीं है कि उनके द्वारा डाले गए वीडियो व फोटो का किस तरह से दुरुपयोग किया जा सकता है। पत्रिका के रक्षा कवच अभियान के माध्यम से ऐसे जादूगरों पर महिलाएं जागरुक करने में महिला मंडल सहयोगी बन सकती हैं।
*शैला अरोड़ा, काला कुआं:*
महिलाओं की सुरक्षा तभी होगी जब हम अपने परिवार में बच्चों को भी अच्छा संस्कार देंगे। बेटों को भी महिलाओं का सम्मान करना सिखाएं। जब बेटी गलत करती है या बोलती है तो हम एक दूसरे से अलग हो जाते हैं। ऐसे ही बेटे को भी गलत करने पर रोक लग जाए।
*सविता सोनी, लाल डिग्गी:*
हमें चाहिए कि अधिक से अधिक महिलाओं को कानूनी रूप से प्रमाणित किया जाए, बताया जाए कि किस तरह से वो मुसीबत के समय खुद को सुरक्षित रखें। सबसे पहले सहायता कहाँ मिल सकती है, रेल और बस में कैसे सहायता मिले। यदि इन नियमों की जानकारी हो तो महिलाओं को काफी हद तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
*सोनिया अरोड़ा, मनुमार्ग:*
जब हम एक दूसरे के लिए आवाज उठाएंगे तो ही महिला अपराध पर रोक लगा दी गई। महिलाएं घर के बाहर और घर के अंदर एक दूसरे को मजबूत बनाती हैं। मित्र को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण आज देना अत्यंत आवश्यक है।
मोनिका खंडेलवाल, मनुमार्ग
