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गुढानाथावतान. ढोली व मालागाड़ी जिले की सीमा पर स्थित गोलपुर गांव के वाशिंदे वन क्षेत्र से निकलने वाली व व्यवस्था में साएशिया के अभाव में आज भी सामुहिक संरचनाएं से जुड़ी हुई हैं। गाँव में आज तक सड़क, बिजली, चिकित्सा आदि सेमिनल मशीनें उपलब्ध नहीं हैं।
करीब 700 की आबादी वाले इस गांव के निवासियों को किसी न किसी बीमारी का इलाज कराना पड़ता है और मुख्य सड़क से पंहुचने तक में काफी परेशानी होती है। कई बार मेहमान को अपनी जान से हाथ का सामान मिलता है। गांव में आने के लिए 5 किमी का कच्चा माल खाबड़ रास्ता परेशानी का कारण बन गया है। पिछले साल सड़क निर्माण का काम भी शुरू हुआ था, लेकिन वन विभाग से अनापत्ति मिलने से काम रुका हुआ है।
इसी प्रकार गांव के विद्युतीकरण के लिए भी योजना बनाई गई थी लेकिन अभी तक गांव में उजाला नहीं हुआ है। विद्युत विभाग के विभाग ने वन विभाग के कार्यालयों में तोड़फोड़ की। अब फिर से गांव तक बिजली पोल लगाए गए हैं और उम्मीद है कि इस साल गांव में आजादी के बाद पहली बार उजाला होगा। सड़क निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी तो लोगों को आने-जाने में सुविधा होगी।
*पंचायत मुख्यालय तक आने में 58 किमी का चक्कर:*
बदरी चित्तौड़ मार्ग पर स्थित गोलपुर गांव गरड़दा पंचायत में स्थित सड़क मार्ग से 29 किलोमीटर दूर है। इस तरह से मुफ्त राशन आदि लेना और अन्य श्रमिकों के लिए पंचायत मुख्यालय कार्यालय 58 किलोमीटर दूर है। बैल के दिनों में तो नारियल का पंचायत मुयालय से संपर्क ही कट जाता है।
*पंचायत बहाली से उम्मीद:*
गोलपुर गांव नीम का अखंड खंड और लंबे समय से यहां के निवासी पंचायत मुख्यालय की मांग कर रहे थे। वर्तमान में चल रही परियोजनाओं के नवीनीकरण की प्रक्रिया में गोलपुर गांव को नई बनने वाली महारावत की झोपड़ी ग्राम पंचायत में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है। जिससे उम्मीद है कि रिवायत को इसका लाभ मिलेगा
