जीएसटी में ट्रेस एंड ट्रैकिंग सिस्टम लागू होगा, जो भी उत्पादन उद्योगों में होगा। उसका एक डाटा सीधे सरकार के पास पहुंचेगा, जो व्यवस्थाएं पहले इंस्पेक्टर राज के तहत एक्साइज में लागू थी कि एक्साइज के अधिकारी गेट पर बैठे रहते थे। इस तर्ज पर एआई की मदद से यह ट्रेकिंग होती रहेगी, जिसमें यह सरकार के संज्ञान में रहेगा कि किस उद्यम में कितना उत्पादन हुआ और इस मेकैनिज्म का चार्ज भी यूनिफॉर्म आइडेंटिफिकेशन मेकैनिज्म एजेंसी के तहत होगा और उसका खर्च भी उद्यमियों से वसूला जाएगा। यह बातें प्रमुख चार्टर्ड एकाउंटेंट जीडी दुबे ने शुक्रवार को भिखारीपुर स्थित होटल में आयोजित बजट चर्चा में कहीं। द स्मॉल इंडस्ट्री एसोसिएशन व इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन की ओर से आयोजित बजट चर्चा में सीए जीडी दुबे ने जीएसटी में आए विभिन्न प्रकार के नए टैक्सेशन, टीडीएस एवं टीसीएस के क्षेत्र में बदलाव एवं नियमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहले जीएसटी में नियम था कि यदि आपके किसी अमाउंट पर टैक्स नहीं है सिर्फ पेनाल्टी लगाई गई है तो बिना कुछ जमा किए आप अपील या ट्रिब्यूनल में जा सकते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब आपको 10 प्रतिशत व 20 प्रतिशत देकर ही अपील एवं ट्रिब्यूनल में जा पाएंगे।
नियम में बदलाव पर भी चर्चा
उन्होंने बताया कि रेंट के नियम में बदलाव यह हुआ है कि पहले जो टीडीएस साल भर में 240000 पर कटता था और अब महीने के हिसाब से कटेगा यदि आपने दो महीने के लिए भी 50000 का रेंट दिया है तो उस पर भी टीडीएस काट कर जमा करना होगा। सबसे बड़ी परेशानी अभी यह आ गई है कि अब यदि कोई भी पेमेंट आप 2 लाख में कैश में करते हैं उसमें सिंगल इवेंट या सिंगल बिल दोनों कर दिया है, यदि आपने 200000 पैसे ऊपर का अस्पताल में कैश का बिल जमा किया यदि आपने एक लाख रुपये करके भी उसका दो बिल बनवाया है। कहा कि उसके बावजूद उस पर आपको टीडीएस देय हो जाएगा, क्योंकि यह सिंगल इवेंट या सिंगल पेमेंट दोनों पर लागू हो चुका है तो उसको सिंगल इवेंट माना जाएगा कि आप एक बार में अस्पताल में दाखिल हुए तो वह इवेंट एक माना जाएगा। आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने कहा कि नियमों को लेकर केंद्र व राज्य को पत्र लिखा जाएगा और टैक्स में सरलीकरण की मांग की जाएगी। ताकि विदेशी कंपनियों चीन व अन्य यूरोपीय देशों के उत्पादों का मुकाबला कर सके। उद्यमी राजेश भाटिया ने कहा कि अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए नए प्रावधानों में बदला बेहद जरूरी है। संचालन दी स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महामंत्री नीरज पारिख व धन्यवाद मनीष कटारिया ने दिया। चर्चा में प्रशांत अग्रवाल, गौरव गुप्ता, अनुपम देवा, अंजनी सिंह, ज्ञानेश्वर गुप्ता, अजय जायसवाल, संकल्प गुप्ता, मनमोहन सिंह, सुरेश पटेल, अवधेश गुप्ता, राजेश वर्मा, संजीव जयपुरिया, उमाशंकर श्रीवास्तव आदि रहे।
