काशी में महाकुंभ की झलक ऐसी है कि यहां के देवों के प्रति अटूट भक्ति के भाव बिखर रहे हैं। दोपहर की धूप या भोर की ठंड भी भक्तों की आस्था के आगे बेअसर दिख रही है। पांच से 10 घंटे कतार में लगकर दर्शन कर रहे हैं। वहीं, पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि श्रीकाशी विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा, माता विशालाक्षी और बाबा कालभैरव मंदिर में दर्शन की कतारें एकाकार हो रही हैं। अभी यह सिलसिला थमने वाला नहीं है। रंगभरी एकादशी तक अटूट कतार दिखने की उम्मीद है। महाकुंभ के पलट प्रवाह का असर करीब एक माह से दिख रहा है। महाकुंभ में डुबकी लगाकर श्रद्धालु काशी के बाबा विश्वनाथ सहित अन्य देवालयों में दर्शन कर हैं। आलम ये है कि दर्शन के लिए पांच किमी तक कतार लग रही है। देशभर से आए श्रद्धालु खासकर बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भीड़ हो रही है। दक्षिण भारतीय श्रद्धालु मां अन्नपूर्णा और माता विशालाक्षी के भी दर्शन करते हैं। विशालाक्षी मंदिर के महतं पं. राजनाथ तिवारी ने बताया कि पहली बार ऐसा है कि जब इन दिनों मंदिरों में दर्शन के लिए कतारें एकाकार हो रही हैं। गंगा किनारे से इन तीनों मंदिरों में दर्शन के लिए कतार लग रही है।
काशी में जुट रही भक्तों की भीड़
बाबा कालभैरव मंदिर के पुजारी मोहित महाराज ने बताया कि भीड़ बढ़ने से आए दिन विश्वनाथ मंदिर और कालभैरव मंदिर में दर्शन की भी कतारें मैदागिन पहुंच जा रही हैं। जबकि विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए 16 कतारें लग रही हैं।
मैदागिन और गोदौलिया से चार नंबर गेट पहुंचने वाली चार लाइन लग रही हैं। जबकि गंगा द्वार, सरस्वती फाटक से भी चार-चार लाइन मंदिर पहुंच रही हैं। अन्नपूर्णा मंदिर के रमेश तिवारी ने बताया कि भीड़ के चलते मां अन्नपूर्णा मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन करने में दिक्कत हो रही है।
पलट प्रवाह के 31वें दिन पहुंचे 7.5 लाख श्रद्धालु
वाराणसी। महाकुंभ पलट प्रवाह के 31वें दिन काशी विश्वनाथ मंदिर में 7.5 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। भोर में मंगला आरती के बाद से लेकर देर रात तक भक्तों की 3 से 5 किलोमीटर लंबी लाइनें लगी रहीं। गेट नंबर 4 की लाइन मैदागिन से आगे मालवीय मार्केट को पार कर गईं। गंगा द्वार और बांसफाटक की लाइन दशाश्वमेध घाट तक लगी रहीं। गंगा द्वार की ओर से झांकी दर्शन को जाने वाले भक्त 4 किलोमीटर लंबे जिगजैग से होकर मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचे और आधे सेकेंड के झांकी दर्शन में निहाल हो उठे। महाकुंभ से लौटे साधु-संतों ने भी हर-हर महादेव के जयघोष के साथ बाबा के दर्शन किए। लाइनों में लगे कई श्रद्धालु दोपहर की खड़ी धूप में बेहाल नजर आए। कई बेहोश हो गए। कतारबद्ध कई श्रद्धालु पानी के लिए तरस गए। लाइन छोड़कर बाहर न जा पाने के चलते भूखे-प्यासे दरबार तक पहुंचे। श्रद्धालुओं की लाइन के पास पहुंचे डीएम एस राजलिंगम ने कहा कि भक्तों की संख्या बृहस्पतिवार के मुकाबले कम रही। श्रद्धालुओं की लाइन व्यवस्था और क्राउड मैनेजमेंट को बरकरार रखा जाएगा।
