राष्ट्र गौरव पुरस्कार विवाद को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में गर्माहट तेज है। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगी एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के प्रति कोई नाराजगी नहीं है, भले ही उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया। राउत ने पत्रकारों से कहा कि यह पुरस्कार देने से इनकार करना उस व्यक्ति का अपमान होगा जिसके नाम पर यह पुरस्कार दिया जाता है।
पवार हमारे पिता तुल्य- राउत
संजय राउत ने कहा कि पवार साहब के प्रति कोई नाराजगी नहीं है। उनका सम्मान करना जरूरी है और पुरस्कार न देना उस व्यक्ति का अपमान होगा जिसके नाम पर यह पुरस्कार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पवार साहब हमारे लिए पिता समान हैं। राउत ने यह भी कहा कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र आते हैं और शरद पवार के खिलाफ बयान देते हैं, तो इस पर शरद पवार के समर्थक कुछ नहीं कहते। साथ ही राउत ने पूछा कि वे तब कहां चले गए थे? बता दें कि यह बयान शरद पवार द्वारा एकनाथ शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार देने के बाद आया है, जो 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में हुआ था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
क्यों बढ़ी है राजनीतिक गर्माहट, समझिए
98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन कार्यक्रम के दौरान शरद पवार और एकनाथ शिंदे ने मंच साझा किया, जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आईं। एकनाथ शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार दिया गया, जिसमें 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह और पारंपरिक शिंदेशाही पगड़ी शामिल थी।
आदित्य ठाकरे ने भी किया था हमला
इससे पहले, शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर हमला करते हुए उन्हें महाराष्ट्र के औद्योगिकीकरण को नुकसान पहुंचाने और शिवसेना में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया। ठाकरे ने कहा कि उनके सिद्धांत उन्हें एकनाथ शिंदे जैसे व्यक्ति को सम्मानित करने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा, "जो महाराष्ट्र द्रोही है, वह देश द्रोही भी होता है।
