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*जयपुर:* देश में चीन के साइबर ठगों ने ऑफ़लाइन के लिए स्ट्रेटेजी राची बनाई। इस नाटक को पुरालेख (गुजरात) में राजस्थानी गिरोह का अंजाम दिया गया था। ये बदमाश धोखाधड़ी से बैंक बंधकते थे और फिर चीन के साइबर ठगों को बंधक बनाए गए थे। जांच में पता चला कि इन बैंकों में धोखाधड़ी के नाम पर नकदी जमा की गई थी। पुलिस ने इस गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. फिरोजाबाद पुलिस ने चांदनी चौक इलाके में एक अपार्टमेंट पर बने मकान से 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
*12 मोबाइल, 43 एटीएम और कई आधार-पैन बरामद:*
इनके पास से 12 मोबाइल फोन, 43 एटीएम कार्ड, 15 सिम कार्ड, 21 चेक बुक, आधार और पैन कार्ड जब्त किये गये। केस में 2 अन्य चतुर्थांशों को भी गिरवी रख दिया गया। एफ़आईएलएफ़ पुलिस की साइबर क्राइम शाखा के अनुसार, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्ट पोर्टल पर अब तक 109 डेटाबेस प्राप्त हुए हैं। इसमें गुजरात से 4 मुर्गे मिले हैं.
*21 राज्यों में लोगों को बनाया गया है आदिवासियों का शिकार:*
पुलिस (साइबर क्राइम) लवीना सिन्हा ने कहा, ''यह गैंग फर्जी आधार कार्ड का उपयोग कर चीन के साइबर चिप्स के लिए बैंक खाता खोलता था। ये अपराधी 'डिजिटल अरेस्ट', नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी, किसी काम से संबंधित धोखाधड़ी और निवेश धोखाधड़ी के जरिए लोगों को ठगते थे। इन दस्तावेजों के जरिए 21 राज्यों के लोगों को ठगा गया।''
*आधार कार्ड पर एक ही नंबर, अलग-अलग नंबर:*
पुलिस के अनुसार, राजस्थान के मूल निवासी सुनील धीरानी की खोज में अज्ञात व्यक्ति आये थे। मुख्य बदमाश और उसके दोस्त ललित बिश्नोई इन बदमाशों को निर्देश दे रहे थे। हालांकि धीरानी को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम जोधपुर भी पहुंच गई है. जबकि ललित बिश्नोई और अलामिन पुलिस के नॉमिनेट में हैं। अंतिम संस्कार के बाद इन फर्जी आधार कार्ड का उपयोग कर शहर में कई बैंक खाते खोले गए। जब्त में कुछ आधार कार्ड पर नंबर तो एक ही थे, लेकिन चांद-परंपरा, मोरबी और राजकोट जैसे कई अलग-अलग पहचान पत्र शामिल थे।
