फास्ट न्यूज़ इंडिया गुरुग्राम: महाकुंभ मेला जो हर 12 वर्ष में एक बार होता है, भारत के 4 प्रमुख तीर्थ स्थलों इलाहाबाद (प्रयागराज), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। 13 जनवरी 2025 को प्रयागराज में आरंभ हुए महाकुंभ में संगम तट पर अब तक लगभग 50 करोड़ लोगों ने स्नान किया है। महाकुंभ 2025 का आखिरी स्नान 26 फरवरी महाशिवरात्रि को होगा। फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का शुभ आरंभ 26 फरवरी को 11.08 बजे होगा और समापन अगले दिन 27 फरवरी को सुबह 08.54 पर होगा। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में किए जाने का विधान है। अत: 26 फरवरी की शाम को रात्रि के 4 पहर शिवलिंग की पूजा करने से अमोघ फलों की प्राप्ति होगी।

महाकुंभ और महाशिवरात्रि का गहरा संबंध है खासकर जब महाकुंभ मेला इलाहाबाद (प्रयागराज) में होता है। महाशिवरात्रि, जो भगवान शिव के भक्तों द्वारा विशेष रूप से मनाई जाती है, महाकुंभ के समय भी एक महत्वपूर्ण पर्व होता है। इस समय महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धा और भक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। महाकुंभ में विशेष रूप से वह दिन जब महाशिवरात्रि पड़ती है उस दिन को शिव स्नान के रूप में मनाया जाता है। यह दिन प्रयागराज में सबसे अहम दिन होता है और लाखों श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा और व्रत रखते हुए पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए एकत्रित होते
