भरतपुर में सोमवार से सारस गणना शुरू हुई। सारस गणना सही तरीके से हो इसके लिए केवलादेव घना पक्षी विहार को 12 जोन में बांटा गया है। यह 42वीं सारस गणना है। उत्तर प्रदेश सटे इलाकों में भी टीमों में सारस की गणना की, सारस गणना के लिए कुल 16 टीमें बनाई गई थी।
केवलादेव घना पक्षी विहार के DFO ने बताया की आज भरतपुर जिले में सारस की गणना की गई। पूरे जिले में 79 सारस मिले हैं। सारस गणना के लिए कुल 16 टीमें बनाई गई थी। हर टीम में 3 से 4 सदस्य थे। घना पक्षी बिहार के अंदर 14 सारस मिले। इसके अलावा सामई खेड़ा, नौनेरा, गोवर्धन और भरतपुर का बॉर्डर, कौड़ेर इलाके सहित कई जगह सारस मिले। सारस गणना के लिए सभी टीमें एक ही समय पर अलग-अलग जगह जाती हैं और, वहां मौजूद सारस की गणना की जाती है। यह गणना केवलादेव नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी संस्था की तरफ से की जाती है। साल 2024 में यह गणना मई जून के महीने में की गई थी।
पिछले साल 143 सारस मिले थे। साल 1983 से यह गणना की जा रही है। सटीक गणना के लिए केवलादेव घना पक्षी विहार को 12 जॉन में बांटा गया था। उत्तर प्रदेश से सटे इलाकों को 5 भागों में बांटा गया था। कुछ सारस ऐसे भी हैं जो रात के समय उड़कर केवलादेव घना पक्षी विहार में आ जाते हैं।
