सोलन जिले में लोग एक बार फिर वायरल की चपेट में आ गए हैं। इनमें महाकुंभ से आने वालों का अधिक आंकड़ा है। इन लोगों में बुखार, खांसी और जुकाम के साथ शरीर में दर्द की शिकायत है। वायरल से पीड़ित होने पर मरीज अस्पताल का रुख कर रहे हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग को भी वायरल के मामले बढ़ने से चिंता सतानी शुरू हो गई है। क्योंकि सैकड़ों की संख्या में लोग महाकुंभ जा रहे हैं। यदि यही हालात रहे तो वायरल मरीजों को ओर बढ़ोतरी हो जाएगी। वर्तमान में हालात यह है कि अस्पताल में एक बेड पर दो मरीजों का उपचार चल रहा है। जिले के अस्पतालों में इन दिनों वायरल से पीड़ितों की ओपीडी के बाद लंबी कतारें लग रही हैं। वहीं, क्षेत्रीय अस्पताल की मेडिसिन ओपीडी में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इन मरीजों की स्थिति को देखते हुए वार्ड में भर्ती करने पड़ रहे हैं। इस कारण वार्ड में एडमिशन बीते दिनों के मुकाबले ज्यादा हो गई है। बीते कुछ दिनों से ये स्थिति अस्पतालों में बनी हुई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है और गर्म पदार्थों के सेवन का आग्रह किया है। दूसरी ओर शुष्क ठंड होने के कारण भी लोग वायरल की चपेट में आ रहे हैं। शनिवार को क्षेत्रीय अस्पताल की ओपीडी में 326 रही। इसमें अधिकतर मरीज वायरल की शिकायत लेकर आए थे। इन मरीजों से जब जानकारी ली गई तो पता चला कि अधिकतर महाकुंभ से बीते दिनों लौटें हैं। करीब चार दिन बाद पहले शरीर में दर्द रही। इसके बाद बुखार और जुकाम के लक्षण आना शुरू हो गए।
ऐसे करें बचाव
गर्म कपड़े पहनें।
पसीना आने पर शरीर को ढक कर रखें।
गर्म चीजों का सेवन करें।
ठंड पानी से दूरी बनाएं।
अधिक देर तक ठंडे पानी में न रहे।
वायरल से पीड़ित मरीजों में इजाफा हुआ है। लोगों से आग्रह है कि वायरल से संबंधित लक्षण आने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। गर्म पानी का सेवन करें। ठंड से अपना बचाव करें अस्पताल में मेडिसिन ओपीडी में वायरल से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ी है। मरीज की स्थिति को देखते हुए वार्ड में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। वार्ड में भी काफी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है
पीलिया मामलों में आई गिरावट
जिले में पीलिया मामलों में गिरावट आ गई है। आठ दिनों में 11 पीलिया के मामले आए हैं। इसमें से कुछ मामले शहर के और कुछ बाहरी क्षेत्रों के हैं। जनवरी में पीलिया मामले अचानक बढ़ गए थे। इसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया था। अब मामले काफी कम हो गए हैं।
