आज बड़ा सवाल ये है कि भारत की बेइज्जती सरकार के कारण हुई है या उन लोगों के कारण हुई है, जो अवैध तरीके से अमेरिका में दाखिल हुए? अमेरिका ने जिन 104 लोगों को डिपोर्ट किया, उनमें 48 लोगों की उम्र 25 साल से कम है, 13 नाबालिग हैं और इनमें भी एक बच्चा सिर्फ 4 साल का है। इससे ये पता चलता है कि जो युवा हैं या जो 30 से 40 वर्ष के शादीशुदा लोग हैं, वो अवैध तरीके से अमेरिका और कनाडा जाने की कोशिश करते हैं और ये लोग बेचारे नहीं हैं। ये लोग अवैध तरीके से अमेरिका जाने के लिए कम से कम 40 लाख और अधिकतम डेढ़ करोड़ रुपये खर्च करते हैं। सोचिए, जिस व्यक्ति के पास 40 लाख या 1 करोड़ रुपये हैं, क्या वो बेचारा होगा? ये सारे आर्थिक रूप से समृद्ध लोग हैं, जिन्हें NRI बनने का ऐसा शौक है कि ये लाखों रुपये खर्च कर देते हैं।
उदाहरण के लिए, अमेरिका से भेजे गए लोगों में एक युवक का नाम है, आकाश और ये हरियाणा के करनाल का रहने वाला है। इसने डंकी रूट से अमेरिका जाने के लिए 73 लाख रुपये खर्च किए, जिनमें 58 लाख रुपये ज़मीन बेचकर मिले और 15 लाख रुपये का लोन लिया।
ये लोग डंकी रूट के लिए पनामा के खतरनाक जंगलों से गुज़रते हुए बारिश और कीचड़ में संघर्ष करते हुए अमेरिका में दाखिल होते हैं ।
इसी तरह होशियारपुर के हरविंदर सिंह 42 लाख रुपये का लोन लेकर डंकी रूट से अमेरिका गए थे। पंजाब के प्रदीप सिंह 41 लाख रुपये .. अम्बाला शहर के जितेश 45 लाख रुपये .. और गुजरात का एक परिवार 95 लाख रुपये खर्च करके डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा था। पंजाब में डंकी शब्द का इस्तेमाल कूदते हुए एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए होता है और जो लोग बिना वीज़ा और सही दस्तावेज़ों के घुसपैठ करके अमेरिका, कनाडा और यूरोप के देशों में पहुंचते हैं, उस रूट को डंकी रूट कहते हैं।
जैसे अगर किसी एजेंट ने लोगों को अमेरिका या कनाडा भेजने के लिए पैसे लिए है तो वो पहले इन लोगों को भारत से दुबई भेजता है। दुबई से उन्हें लैटिन अमेरिका के देशों में भेजा जाता है, जहां उन्हें आसानी से Tourist Visa मिल जाता है। इन देशों में गयाना और निकारा-गुआ प्रमुख हैं। यहां से लोगों को Mexico ले जाया जाता है और Mexico से Border पार करके लोग अमेरिका में दाखिल होते हैं। और इस डंकी रूट से अमेरिका जाने में 40 लाख रुपये से डेढ़ करोड़ रुपये तक खर्च होते हैं। एजेंट्स लोगों को ये बताते हैं कि वो जितना पैसा देंगे, उनका सफर उतना ही आसान होगा और उन्हें सफर में ज्यादा तकलीफें नहीं होंगी और लोग भी अमेरिका और कनाडा जाने के लिए आसानी से लाखों रुपये खर्च देते हैं। बड़ी बात ये है कि अगर किसी के पास इतने पैसे हों, तो वो गरीब तो हो नहीं सकता।
ये लोग अगर इन पैसों का सही इस्तेमाल करते तो ये भारत में ही रहकर शानदार ज़िंदगी जी सकते थे। और सिर उठाकर विदेश भी जा सकते थे। लेकिन इन लोगों ने ऐसा नहीं किया और ये सारे लोग 40 लाख से 1 करोड़ रुपये खर्च करके डंकी रूट से अमेरिका गए और इनके कारण अमेरिका में भारत की बेइज्जती हुई। भारत का अपमान सरकार ने नहीं कराया है बल्कि भारत का अपमान इन लोगों ने कराया है, जिन्होंने अमेरिका जाने के लिए गलत रास्ते को चुना और लाखों रुपये खर्च कर दिए।
जिन 104 लोगों को अमेरिका ने भारत भेजा है, उनमें 30 लोग पंजाब से हैं, 33 हरियाणा से हैं, 33 गुजरात से हैं, 3-3 महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से हैं और 2 चंडीगढ़ से हैं।
