फास्ट न्यूज़ राजस्थान
*जैसलमेर*
•फतेहगढ़ के निंबली गांव में 800 साल पुराना मंदिर, सप्तमी को पूरे देश में दो मंदिरों में आयोजित हुआ मेला
देश भर में पिछले कुछ समय से हिंदू-मुस्लिम की आस्था के प्रति विरोधाभास देखने को मिल रहा है। लेकिन नागाणा राय माता का मंदिर पुरातत्व जिले के सरहद पर हिंदू व मुस्लिम दोनों समुदायों के आस्था का प्रतीक है। निंबली गांव में स्थित मां नागाराय की प्रतिकृतियां मूर्तियों में विशेष आस्था रखती हैं। राजपूत समाज के शहीद कुल की कुलदेवी नागानाराई माता के मंदिर में हर साल भादवा और माघ महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मेला का आयोजन भी किया जाता है। मुजफ्फरनगर उपखंड के निंबली गांव में स्थित इस मंदिर में निंबली, कोहरा, लाखा, भारअली, कुंडा, झिनझिनयाली और उनारोड़ सहित आस-पास के पूरे क्षेत्र के इलाके के आदिवासी दर्शन करने की परंपरा है।
मंगलवार को भी माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नागानारायण माता मंदिर में मेला भरा गया। जिसमें रात्रिकालीन महोत्सव एवं प्रसादी का भी आयोजन किया गया। सप्तमी को हजारों की संख्या में सामुद्रिक मठ में दर्शन किये गये। मंदिर के आस पास 32 कोस की भूमि राजस्व अभिलेख में ओरण का नाम दर्ज है। मंदिर का दर्शन एवं संरक्षण का समर्थन नागणेचिया माता मंदिर समिति द्वारा किया जा रहा है।
*पश्चिमी राजस्थान में सामाजिक समानता का प्रतीक:* निंबली गांव के कंवराजसिंह ने बताया कि प्रदेश के पश्चिमी छोरों पर हिंदू मुस्लिम एक दूसरे के साथ रहते हैं। इसका उदाहरण यह भी सामने आया है कि एक मंदिर में हिंदू व मुस्लिम समुदाय दोनों द्वारा पूजा-अर्चना की स्थापना की गई है। राजपूत समाज में राजपूत की कुलदेवी की प्रति सिंधी बालिका में सेठिया वर्ग की पूजा का अभिषेक किया जाता है। बताया जा रहा है कि यह मंदिर करीब 800 साल पुराना है। इसके साथ ही पीढ़ी दर पीढ़ी मुस्लिम यहां पूजा करते हैं।
