फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया यूपी वाराणसी बीएचयू ने अपने 110वें स्थापना दिवस पर 30 झांकियों में सैकड़ों वैज्ञानिक उपलब्धियों और शिक्षा की ग्लोबल रीच से परिचय कराया। झांकियों में कैंपस के लैब में निर्मित हाईटेक उपकरणों और प्रोटोटाइप की प्रदर्शनी दिखी। 60 से ज्यादा ट्रकों और ट्रैक्टरों पर चार घंटे लगातार बीएचयू की वैज्ञानिक सोच देखने को मिली। हजार साल आगे की तकनीक और उतनी ही पुरानी परंपराओं पर हो रहे शोध को झांकियों में बड़ी ही खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया। वैदिक विज्ञान केंद्र के शोधार्थी धातुकर्म और वैदिक तकनीक के उपकरणों की प्रासंगिकता दिखा रहे थे तो आईआईटी बीएचयू के छात्रों ने दो ड्रोन से हवा में बैनर लहराकर मालवीय भवन के बाहर मंचासीन मेहमानों और ऑडियंस को चौंका दिया। 3D प्रिंटर तकनीक से राम मंदिर का मॉडल तो अयोध्या मंदिर का स्वरूप ने भी झांकियों की शोभा बढ़ाई। इन झांकियों में कहीं चलती-फिरती प्रयोगशालाओं में शोध कार्य लाइव चल रहा था तो कहीं रंगीन मोम की बूंदों से भरा लावा लैंप, एचसीएल घोल, कृत्रिम उपग्रह और सेमीकंडक्टर के प्रयोग दिखाए जा रहे थे। आईआईटी-बीएचयू के छात्रों ने खुद का बनाया मेडिकल ड्रोन, डिलीवरी ड्रोन, पेलोड प्लेन और मकड़ा रोबो के साथ ट्राइडेंट कार चलाकर लोगों को हैरान कर दिया।
लैपटॉप-साॅफ्टवेयर बनाने के साथ अग्निकुंड में यज्ञ-हवन
मोबाइल ओपीडी में मरीजों का इलाज, दृश्य कला संकाय के छात्रों द्वारा 15 दिन में थर्माकोल से बनाए गए 5 फीट के महामना, करतब दिखाने और स्टंट करते खिलाड़ी, वैदिक विज्ञान केंद्र की झांकी में लैपटॉप-साॅफ्टवेयर बनाने के साथ अग्निकुंड में यज्ञ-हवन और भावभंगिमा के साथ नृत्य ने हर किसी को अचरज में डाल दिया। एक-दूसरे कंधे के सहारे चढ़े छात्रों ने जुंबा पिरामिड बनाया तो लोग हैरान रह गए। फिजिकल एजुकेशन और यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स बोर्ड की झांकी में रस्सी कूद के साथ शरीर को भी फ्लिप करा रहे युवाओं को देख खूब शोर मचा। सड़क पर ही बच्चों और बड़े खिलाड़ियों के बॉस्केटबॉल, फुटबॉल, बॉक्सिंग और पहलवानी का दमखम दिखा। वेटेनरी साइंस की झांकी में डॉग ट्रेनिंग, कड़कनाथ मुर्गों पर हो रहे शोध और पक्षी संरक्षण को दिखाया।
कुलगीत पर शास्त्रीय नृत्य ने किया भाव विभोर
संगीत एवं मंच कला संकाय की छात्राओं ने कुलगीत पर शास्त्रीय नृत्य कर हर किसी को मुग्ध और भाव विभोर कर दिया। विज्ञान संस्थान के छात्रों ने ठेले को लैब बना लिया। रणवीर संस्कृत विद्यालय ने वेदपाठ किया। गीता के दर्शन की आवश्यकता को समझाया। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय ने पर्यावरण संरक्षण, प्राच्य विद्या द्वारा खगोलीय घटनाओं की शिक्षा का प्रदर्शन किया। विधि संकाय की झांकी में महिला जज की आंख की पट्टी हटाकर अंधा कानून की मुखालफत की। लघु नाटक कर महिला अपराधों और उससे निबटने के कानूनों को बताया। प्रबंध शास्त्र संस्थान, दक्षिणी परिसर, पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान, राष्ट्रीय सेवा योजना, उद्यान विभाग इकाई ने शानदार प्रस्तुतियां दी। विद्यार्थी कल्याण प्रकोष्ठ द्वारा पहली बार प्रस्तुत की गई झांकी में मेंटल डिसऑर्डर से बचने की तकनीक सिखाई।
झांकी में 15 फीट ऊंचा अमृत कलश लेकर निकले बच्चे,
प्रतीचि-प्राची का मेल सुंदर थीम पर निकलीं बीएचयू स्थापना की झांकियों में महाकुंभ का प्रभाव रहा। पिछली बार रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के रंग देखने को मिले थे तो इस बार कैंपस में धर्म और तकनीक का पांच किलोमीटर लंबा महाकुंभ लग गया। आईआईटी के राजपुताना हॉस्टल से सिंह द्वार और वापस विश्वनाथ मंदिर तक महाकुंभ से प्रभावित झांकियां निकलीं हैं तो प्रथम यज्ञ भूखंड धरा पे आर्य का आगाज है... है पावन संगम की धरती, ये प्रयागराज है... गीत बजता रहा। विज्ञान संस्थान की झांकी में समुद्र मंथन से अमृत कलश निकलता दिखा। संगीत एचं मंच कला संकाय की छात्राओं ने शास्त्रीय नृत्य की भंगिमाओं से महाकुंभ के समुद्र मंथन के स्टेप को दिखाकर भाव विभोर कर दिया। सेंट्रल हिंदू ब्वॉयज स्कूल के बच्चे संत बनकर अंतरिक्ष मिशन के लैब में काम करते हुए महाकुंभ का 15 फीट ऊंचा अमृत कलश लेकर निकले। इस कलश के ऊपरी हिस्से पर कमल की पंखुड़ियां और जटा-जूट बंधे थे। साथ ही महाकुंभ का सुप्रसिद्ध गीत भी बजता रहा। उद्यान विभाग ने रंग-बिरंगे फूलों से 10 फीट ऊंचा शिवलिंग बनाया। शिवलिंग पर शेषनाग भी फूलों से ही बने थे। मालवीय भवन पर सुबह 10.30 बजे बीएचयू के प्रभारी कुलपति प्रो. संजय कुमार, मुख्य अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा और आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने हरी झंडी दिखाकर शोभायात्रा की औपचारिक शुरुआत की।
महिषासुर मर्दिनी पर दुर्गा-चंडी बन किया तांडव नृत्य
महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र पर तांडव नृत्य कर हर किसी को मुग्ध दिया। मां दुर्गा और चंडी रूप संग मिलिट्री वर्दी में आईं छात्राओं ने नृत्य कर प्राचीन और आधुनिकता का संदेश दिया। वैदिक विज्ञान केंद्र की झांकी में एक ओर हवन कुंड में घी डाल रहे तो दूसरी ओर धर्म को तकनीक से जोड़ने के लिए लैपटॉप पर प्रोग्रामिंग करते देखा गया। मंच पर छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा, चीफ प्रॉक्टर समेत कई अधिकारी भी मौजूद थे।
स्थापना स्थल पर हुआ पूजन
झांकी से पहले ट्रॉमा सेंटर स्थित स्थापना स्थल पर प्रभारी कुलपति प्रो. संजय कुमार व अन्य प्रोफेसरों ने हवन पूजन किया। वर्ष 1916 में वसंत पंचमी के दिन यहीं विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गई थी। हॉस्टलों में भी छात्र-छात्राओं ने देवी सरस्वती की पूजा की। आकर्षक झांकियां सजाईं।
बुजुर्गों का हो रहा फ्री इलाज
सर सुंदरलाल अस्पताल ने झांकी में महिला अपराध पर नुक्कड़ नाटक कर बताया कि कभी भी पति-पत्नी के बीच अत्याचार बढ़े तो ऐसे में प्यार हो ही नहीं सकता। सहना भी एक तरह का अत्याचार है। आयुर्वेद और मॉडर्न मेडिकल साइंस, इफेक्टिव ट्रीटमेंट और नाट्य प्रस्तुति से बुजुर्गाें के फ्री इलाज की स्कीम बताई गई। डेंटल और आयुर्वेद की ओर से भी नुक्कड़ नाटक कर अत्याधुनिक इलाज के लिए जागरूक किया गया। नुक्कड़ नाटक कर डेंटल हाईजीन के प्रति जागरूक किया गया।
