फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया निर्यात में करीब 14 वर्षों में सबसे तेज वृद्धि के कारण देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां जनवरी, 2025 में बढ़कर छह महीने के उच्च स्तर 57.7 पर पहुंच गईं। एचएसबीसी इंडिया का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) दिसंबर, 2024 में एक साल के निचले स्तर 56.4 फीसदी पर आ गया था।
मुख्य अर्थशास्त्री का तर्क
एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भार) प्रांजुल भंडारी ने कहा, घरेलू मांग और अंतरराष्ट्रीय बिक्री मजबूत रहने से नए ऑर्डर में वृद्धि को समर्थन मिला। भारत में विनिर्माताओं ने उत्पादन की मात्रा को बढ़ाना जारी रखा। यह वृद्धि अक्तूबर, 2024 के बाद से सबसे तेज है। पीएमआई का 50 से ऊपर रहना गतिविधियों में विस्तार और इससे नीचे का आंकड़ा गिरावट का संकेत है।
कंपनियों पर लागत का दबाव 11 महीने में सबसे कम
कीमतों के मोर्चे पर एचएसबीसी इंडिया ने कहा, कंपनियों पर लागत का दबाव 11 महीनों में सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गया। लागत से जुड़ी महंगाई लगातार दूसरे महीने घटी है, जिससे कंपनियों पर उत्पादन मूल्य बढ़ाने का दबाव कम हुआ। हालांकि, मांग में तेजी के कारण बिक्री मूल्य मजबूती से बढ़े हैं। अतिरिक्त कर्मियों की भर्ती
भंडारी ने कहा, बिक्री में जोरदार वृद्धि और गतिविधियां बढ़ने के आशावादी अनुमानों के कारण कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही की शुरुआत में अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती की। आंकड़े बताते हैं कि मजबूत रोजगार सृजन ने कंपनियों को अपने कार्यभार पर नियंत्रण रखने में सक्षम बनाया है।
