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*जयपुर:* 'मैं खुद मुस्लिम हूं, लेकिन सभी धर्म एक जैसे हैं। 'सूर्य नमस्कार किसी धर्म से पवित्र नहीं हुआ, बल्कि ये एक लक्ष्य है, जिससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है।' ये कहना है जयपुर के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली क्लास 9वीं का... सोमवार को सूर्य सप्तमी से एक दिन पहले जयपुर के एसएमएस स्टेडियम के फुटबॉल ग्राउंड में सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में छात्राओं और विद्यार्थियों ने शिक्षा मंत्री मदन दिलवर के साथ सामूहिक सूर्य नमस्कार किया। साथ ही देखे गए साल बनाए गए वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ने की ओर कदम बढ़ाया। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने शिक्षा मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि पूरा देश नहीं, बल्कि पूरा विश्व भगवान हो।
*रिकॉर्ड तोड़ने की संभावना:*
सूर्य सप्तमी पर देवनारायण जयंती के दिन अवकाश होता है, इसलिए पूर्व सोमवार सुबह प्रदेश के सरकारी और निजी आश्रमों में सामूहिक सूर्य नमस्कार किया गया। वहीं, जयपुर के एसएमएस स्टेडियम फुटबॉल ग्राउंड पर छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षा विभाग के मंत्री मदन डिलवर और डिविजन अधिकारियों ने भी सूर्य नमस्कार किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि राजस्थान के सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्रों, शिक्षा परिवार के सदस्यों, सूर्य नमस्कार प्रेमियों और समाज के सभी लोगों ने सहभागी बनने का प्रयास किया है। पिछली बार 1.33 करोड़ लोगों ने सूर्य नमस्कार किया था। अभी भी सुसंगत समग्रता, दो साल बाद तक संकलन हो जाएगा और फिर पात्र सामने आ जाएंगे। अनुमान है कि पिछले साल जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बना था, वो भी टूटेगा।
*देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व भगवानमय हो:*
दिलवर ने कहा कि सूर्य नमस्कार सर्वांग योग है। योग से फायदे होते हैं, वो सभी फायदे सूर्य नमस्कार से भी होते हैं। कृषकों में नियमित प्रार्थना के समय तीन सूर्य नमस्कार किये जा रहे हैं और ये आगे निरंतर जारी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन तक कोई भी अल्पसंख्यक जाति नहीं आया, जहां तक भगवान का प्रश्न है, तो पूरा देश ही भगवान है। जब भगवान सूर्य उदय होते हैं, तब भी यही रंग होता है। जब भी अग्नि देवता प्रज्ज्वलित होते हैं, उनका रंग भी भगवान होता है। महापुरुषों और क्रांतिकारी देशभक्तों ने भी क्रांति की या आंदोलन किया, उन सभी के पास केसरिया का झंडा ही था, इसलिए इस रंग को मंजूरी नहीं दी जा सकती। चाहते हैं कि पूरा देश ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व भगवानमय हो।
*ये कठिन काम नहीं:*
स्कूल शिक्षा सचिव कृष्ण नेशनल ने कहा कि लोगों में स्वस्थ जीवन की प्रति जागृति लाना ध्येय है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी यही कहती है। यदि विद्यार्थियों का मन स्वस्थ और तन रहेगा, तो शिक्षा और विद्या ग्रहण करना आसान होगा। इसके तहत शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है कि बच्चों को अच्छी आदतें दी जाएं। पिछले वर्ष भी यह आयोजन हुआ था, आज भी किया जा रहा है और आगे भी किया जायेगा। यदि संख्या अधिक है तो नए रिकॉर्ड दर्ज किए गए हैं और ये इस संस्था की ओर से दिया गया है कि बच्चे और शिक्षक इस बात से सहमत हैं कि ये सूर्य नमस्कार करना सही है। ये कठिन काम नहीं है. वो खुद पहले से सूर्य नमस्कार करते आये हैं। योग हमारी प्राचीन संस्कृति का हिस्सा है। स्कूलों में नियमित योग करने का ऑर्डर है और ये सिर्फ बच्चों तक नहीं, बल्कि इनकी धरती भी पूरे देश तक है।
*सूर्य नमस्कार से मन ताज़ा होता है:*
कक्षा 10 में पढ़ने वाली राइमा शत्रु ने कहा कि सूर्य नमस्कार से मानसिक और शारीरिक विकास होता है। बहुत से रोग दूर होते हैं. इसे नियमित करना चाहिए. स्कूल में उनके स्थापत्य नियमित संस्थान हैं। सभी धर्मों को एक समान मानना चाहिए सूर्य नमस्कार करना चाहिए, क्योंकि ये एक लक्ष्य है। कक्षा 9वीं में पढ़ने वाली सानिया ने बताया कि सूर्य नमस्कार से ताजा बातें होती हैं, स्वास्थ्य अच्छा रहता है और पढ़ाई भी होती है। वो खुद मुस्लिम है और सभी धर्मों को एक समान मानता है। स्कूल टीचर डॉ. मधुबाला शर्मा ने कहा कि सभी धर्मों से बड़ा राष्ट्र धर्म है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है और शरीर-मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने के लिए सूर्य नमस्कार अति आवश्यक है। इसी में सभी व्यायाम हो जाते हैं। यदि एक सामान्य व्यक्ति प्रतिदिन 7 सूर्य नमस्कार करता है, तो उसे कोई रोग संबंधी चिंता नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके विद्यालय में हर धर्म के बच्चे पिछले 1 वर्ष से समान रूप से प्रार्थना सभा में सूर्य नमस्कार कर रहे हैं।
