फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण का विस्तार पर्यटन क्षेत्र में छोटे व्यवसायों को एक महत्वपूर्ण अवसर देगा। सरकार की ओर से बजट 2025-26 में शिशु श्रेणी के तहत 1,500 करोड़ रुपये के संभावित ऋण का एलान किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पर्यटकों की बढ़ती आमद के कारण होमस्टे की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है। देश भर में लगभग 3 मिलियन होमस्टे की अनुमानित आवश्यकता है। मुद्रा ऋण के विस्तार से छोटे उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करके इस बढ़ते क्षेत्र को मदद मिलने की उम्मीद है। इस ऋण से उन्हें अपने होमस्टे व्यवसायों को स्थापित करने और विस्तार करने में मदद मिलेगी। एसबीआई ने कहा "होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण के विस्तार के साथ, शिशु श्रेणी के तहत लगभग 1,500 करोड़ रुपये के ऋण का अवसर पैदा हुआ है।" प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत छोटे उद्यमी तीन श्रेणियों- शिशु (50,000 रुपये तक), किशोर (50,001 रुपये से 5 लाख रुपये) और तरुण (5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये) के तहत ऋण ले सकते हैं। वर्तमान में, होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण पहल शिशु श्रेणी पर केंद्रित है, जिसमें अनुमानित रूप से 1,500 करोड़ रुपये के ऋणों के मौके उपलब्ध हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि इसे किशोर श्रेणी तक बढ़ाया जाता है, तो संभावित ऋण वितरण का आंकड़ा लगभग 8,250 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। सरकार की पहल का उद्देश्य पर्यटन से संबंधित व्यवसायों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर स्थानीय आतिथ्य क्षेत्र को बढ़ावा देना है। इससे न केवल आवास की उपलब्धता बढ़ेगी बल्कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रोजगार पैदा करके आर्थिक विकास में भी योगदान मिलेगा। इसके अलावा, सरकार परिवहन संपर्क बढ़ाकर प्रमुख पर्यटन स्थलों तक पहुंच में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एसबीआई के अनुसार, "इन पहलों से भारत के पर्यटन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलने और आर्थिक अवसरों में वृद्धि के जरिए स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने की उम्मीद है। होमस्टे के लिए मुद्रा ऋणों का विस्तार भारत को अधिक पर्यटक-अनुकूल गंतव्य बनाने और छोटे व्यवसायों और रोजगार सृजन का समर्थन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
