फ़ास्ट न्यूज़ इण्डिया रेल मंत्रालय ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के बारे में बड़ी जानकारी दी है। मंत्रालय के अनुसार, वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की परियोजना सुरक्षा और गति परीक्षण के दौर से गुजर रहा है और जल्द ही यात्री इसके जरिए विश्वस्तरीय सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। रेल मंत्रालय ने इसके साथ ही चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अपने खर्चे का भी ब्यौरा दिया है। मंत्रालय ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में रेलवे ने अपने बजटीय परिव्यय का 76 प्रतिशत खर्च कर दिया है। मंत्रालय ने कहा है, "भारतीय रेलवे की 5 जनवरी, 2025 तक की नवीनतम व्यय रिपोर्ट के अनुसार, क्षमता वृद्धि में भारी निवेश हो रहा है। इसका उद्देश्य भारत में रेल यात्रा को विश्व स्तरीय अनुभव बनाना है।"रेल मंत्रालय के अनुसार, 2024-25 के अनुसार रेलवे की ओर से कुल पूंजीगत व्यय का अनुमान 2,65,200 करोड़ रुपये है। इसमें सकल बजटीय सहायता 2,52,200 करोड़ रुपये की है। रेलवे के अनुसार 1,92,446 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके हैं। रेलवे ने कहा, "रोलिंग स्टॉक (पटरियों पर दौरने वाले वाहनों) के लिए बजटीय प्रावधान 50,903 करोड़ रुपये का था। इसमें से 5 जनवरी तक 40,367 करोड़ रुपये खर्च किए गए। खर्च की गई राशि रोलिंग स्टॉक के लिए आवंटित बजट का 79 प्रतिशत है।" मंत्रालय ने कहा, "सुरक्षा संबंधी कार्यों में 34,412 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन में से 28,281 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो आवंटित राशि का 82 प्रतिशत है।" प्रेस नोट में कहा गया है कि सरकार ने रेलवे को विश्व स्तरीय इकाई में बदलने को प्राथमिकता दी है, जो किफायती लागत पर प्रतिदिन औसतन "2.3 करोड़ भारतीयों" को परिवहन सुविधा प्रदान करेगी। रेलवे ने बताया है कि पिछले एक दशक से लगातार पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) का सकारात्मक असर 136 वंदे भारत ट्रेनों, ब्रॉड गेज में लगभग 97 प्रतिशत विद्युतीकरण, नई लाइनें बिछाने, गेज परिवर्तन, पटरियों के दोहरीकरण, यातायात सुविधाओं में वृद्धि, सार्वजनिक उपक्रमों और महानगरीय परिवहन में निवेश के रूप में दिखाई दे रहा है। रेलवे ने बताया, " नए बदलावों से यात्रा अनुभव में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। भारतीय रेलवे का यह परिवर्तन विकसित भारत की दूरदर्शिता और भारतीय रेलवे की ओर से मिशन मोड में आधुनिकीकरण परियोजनाओं पर खर्च किए बिना संभव नहीं होता।" रेलवे के अनुसार भारत अपनी विशाल भौगोलिक, सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के साथ सबसे अधिक आबादी वाला देश होने जैसी चुनौतियों का सामना करता है। इनके बावजूद, भारतीय रेलवे एक नए, आधुनिक और कनेक्टेड भारत के निर्माण के लिए बदलाव की ओर बढ़ रहा है।