फ़ास्ट न्यूज़ इण्डिया दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) श्रीधर वेम्बू ने जापान और चीन का उदाहरण देकर कहा है कि जनसांख्यिकीय बदलाव से सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'मैं किसी ऐसे देश को नहीं जानता जिसने इसे उलट दिया हो। यह कई कारणों में एक है कि मैं ग्रामीण जीवन को प्राथमिकता देता हूं।' श्रीधर ने कहा कि वे सक्रियता से भारत की पारंपरिक संस्कृति को अपनाते हैं और ऐसे आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना चाहते हैं जो बच्चों के पक्ष में हो।
चीन भी जनसांख्यिकीय पतन का सामना कर रहा है
उन्होंने विकसित देशों में जनसांख्यिकीय बदलावों का जिक्र किया और कहा, जापान 1990 के आसपास अपनी तकनीकी क्षमता के शिखर पर पहुंच चुका था। दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनने के लिए जापान ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया। हालांकि, गंभीर जनसांख्यिकीय गिरावट के कारण आज हालात चुनौतीपूर्ण हैं। बकौल श्रीधर, चीन आज कई क्षेत्रों में दुनिया का प्रतिनिधित्व कर रहा है। हालांकि, चीन भी जनसांख्यिकीय पतन का सामना कर रहा है।
जनसांख्यिकीय बदलाव किन कारकों से होता है
उन्होंने कहा कि चीन का अभिजात वर्ग इसके बारे में जानता है, लेकिन अतीत में हुए जनसांख्यिकीय बदलावों को अब बदलना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि तेजी से आगे बढ़ने के प्रयास में बदलाव किए गए। श्रीधर के मुताबिक जनसांख्यिकीय बदलाव के कई कारकों में- बड़े पैमाने पर शहरीकरण, कार्य-जीवन संतुलन की अत्यधिक कमी, लंबी यात्राएं, पारंपरिक संस्कृति का नुकसान, धार्मिक विश्वास का नुकसान, एकल परिवार का उदय है। एक बार शुरू होने के बाद इसे पलटना बेहद जटिल है। वे किसी ऐसे देश को नहीं जानते जिसने जनसांख्यिकी को बदलने में सफलता पाई हो।