मथुरा मांट विधानसभा क्षेत्र के गांव जहांगीरपुर के निकट यमुना किनारे बेलवन मंदिर पर लगे मेले में मां महालक्ष्मी जी के दर्शनों के लिए पौष माह के दूसरे बृहस्पतिवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी । भक्तों ने दर्शन कर मनौती मांगी भंडारे में खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया मान्यता है कि बांसुरी की धुन पर श्रीकृष्ण के साथ महारास में सम्मलित होने के लिए महालक्ष्मी आज भी यमुना किनारे बेलवन में तपस्या कर रही हैं । यहां पौष माह के प्रत्येक बृहस्पतिवार को मेले का आयोजन किया जाता है । बेलवन में पौष माह के दूसरे बृहस्पतिवार को मां लक्ष्मीजी के दर्शन का महत्व है बेलवन में श्रद्धालु पहुंचने लगे मंदिर में लक्ष्मीजी के दर्शन के लिए देर शाम तक भीड़ उमड़ती रही । मेले में महिलाओं और बच्चों ने झूलों का आनंद और चाट पकौड़ी का स्वाद लिया महालक्ष्मी ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि इस बार पौष माह में चार मेलों का आयोजन होगा बेलवन महालक्ष्मी मंदिर परिसर और मेले की सुरक्षा व्यवस्था मांट थाना प्रभारी निरीक्षक पुलिस बल के साथ के साथ देखी द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण मांट के निकट यमुना किनारे बेलवन में रास रचाते थे एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने महारास के दौरान बांसुरी बजाई तो उसकी आवाज देवलोक तक जा पहुंची महालक्ष्मी ने नारदजी से पूछा तो उन्होंने बताया कि बेलवन में यमुना किनारे भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी बजा रहे हैं महालक्ष्मी बेलवन पहुंचीं और रास में प्रवेश करना चाहा तो वहां मौजूद गोपियों ने उन्हे रोक दिया । महालक्ष्मी ने गोपियों को भला बुरा कह डाला श्रीकृष्ण को यह बुरा लगा उन्होंने महालक्ष्मी से कहा कि यह साधारण गोपियां नहीं हैं इन्होंने हजारों वर्ष तपस्या कर रास में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त किया है यदि आपको भी रास में शामिल होना है तो पहले तपस्या कर गोपियों को प्रसन्न करना होगा तभी में आपको रास में शामिल करूंगा मान्यता है कि तभी से महालक्ष्मीजी यहां गोपी रूप में तपस्या कर रही हैं द्वापर युग में बेल के पेड़ों की प्रचुरता के कारण इस स्थान को बेलवन कहा जाता था यह वृंदावन से मात्र दो किलोमीटर दूर है ।
रिपोर्ट नन्द किशोर शर्मा
आईडी नम्बर 151170853