आगरा । भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि शाम 5 बजे तक जारी किए गए मतदान प्रतिशत और अंतिम मतदान आंकड़ों में अंतर पूरी तरह स्वाभाविक है। मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद सभी मतदान केंद्रों से आंकड़ों का संग्रह और सत्यापन किया जाता है, जो रात 11:45 बजे तक जारी रहता है। भारत निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया कि मतदान का अंतिम और वैध रिकॉर्ड फॉर्म 17सी में दर्ज किया जाता है, जो मतदान केंद्र बंद होते ही उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों को सौंप दिया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित है, जिसमें किसी भी प्रकार की हेरफेर असंभव है। मतदाता सूची का अद्यतन एक पारदर्शी और भागीदारीपूर्ण प्रक्रिया है। भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि सूची में नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया सख्त नियमों और प्रावधानों के तहत होती है। राजनीतिक दलों और जनता की पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित की जाती है, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना समाप्त हो जाती है।
भारत निर्वाचन आयोग ने इस विषय पर एक विस्तृत प्रश्नोत्तर (FAQs) भी जारी किया है, जिसमें मतदाता सूची की प्रक्रिया से जुड़ी हर शंका का समाधान दिया गया है। आयोग ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और जांच-पड़ताल के लिए पर्याप्त तंत्र मौजूद हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने रोल टू पोल प्रक्रिया में राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी पर भी जोर दिया है। आयोग ने करीब 60 ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किए हैं, जहां राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को विभिन्न चरणों में शामिल किया गया है। राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया के हर चरण—मतदाता सूची के अद्यतन से लेकर मतदान और मतगणना तक—का अभिन्न हिस्सा हैं। मतदान प्रतिशत (VTR) विषय पर एक विस्तृत FAQs तैयार किया गया है, जो आयोग की बेवसाइट www.eci.gov.in पर उपलब्ध है। भारत निर्वाचन आयोग ने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी को विस्तार में बताई गई प्रक्रियाओं के उपरांत कोई भी शंका नहीं रहनी चाहिए। रिपोर्ट - डिस्ट्रिक इंचार्ज रामनिवास 151112186