फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुवैत यात्रा से खाड़ी देशों के साथ भारत का करीबी रिश्ता रखने का सिलसिला पूरा हुआ। मोदी की कुवैत की यह यात्रा 1981 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली और किसी कुवैती प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के लगभग 12 साल बाद होने वाली पहली यात्रा थी। कुवैत खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) का एक प्रमुख सदस्य है। पांच लाख भारतीय वहां काम करते हैं, जो उन्हें वहां का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बनाता है। यह समुदाय ऐतिहासिक व्यापार और यात्रा से जुड़े संबंधों द्वारा रखी गई नींव पर विकसित हुआ है - बहुत कम लोगों को याद होगा कि कुवैत ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सौजन्य से पूरे पश्चिम एशिया में भारत के व्यापारिक मार्गों के लिए एक प्रवेश द्वार था; मुंबई में कुवैत के अभिजात वर्ग के लोगों के घर हुआ करते थे और 1961 तक, जब कुवैत ने अपनी आजादी हासिल की, भारतीय रुपया एक वैध मुद्रा था। द्विपक्षीय व्यापार आज भी 10 बिलियन डॉलर से ऊपर का है, जो कुवैत के छोटे आकार को देखते हुए काफी है। कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता और चौथा सबसे बड़ा एलपीजी का आपूर्तिकर्ता है, जो उसकी ऊर्जा संबंधी जरूरतों के तीन फीसदी हिस्से को पूरा करता है। भले ही दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्परिक संपर्क और व्यापार जहां जारी हैं, वहीँ सद्दाम हुसैन के इराक के साथ भारत के घनिष्ठ संबंधों की वजह से कुछ अवशिष्ट शंकाओं के चलते रणनीतिक और रक्षा सहयोग के क्षेत्रों में रिश्ते पिछड़ गए हैं। यही एक ऐसा अंतर है जिसे मोदी की यात्रा ने कुवैत के साथ साझेदारी, जोकि इस क्षेत्र में भारत की रणनीतिक साझेदारी में सबसे ताजा है, का एलान करके पाटने की कोशिश की। कुवैती के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के साथ बातचीत के बाद, दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग को संस्थागत बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। कुवैत का सर्वोच्च सम्मान, ऑर्डर ऑफ मुबारक अल-कबीर, मोदी को प्रदान किया गया। इस कदम ने इस यात्रा के महत्व को और पुख्ता किया। यह यात्रा इस व्यापक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षण में हुई। इजराइल द्वारा गाजा पर लगातार बमबारी तथा लेबनान व यमन पर हमले पश्चिम एशिया में शांति को और अधिक नाजुक तथा दूर की कौड़ी बना रहे हैं। सीरिया से असद शासन के खात्मे ने भी इस्लामी कट्टरपंथियों को ताकतवर बनाया है और इससे ज्यादा हिंसा भड़क सकती है। इसके अलावा, हालात शांत होने