बीते छह वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से नामित अदालतों के पास दायर धन शोधन आरोपपत्रों में से लगभग 28 प्रतिशत में मुकदमा लंबित है। सरकार ने मंगलवार को संसद में यह जानकारी दी। एक लिखित उत्तर में, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा को बताया कि संघीय धन शोधन निरोधक एजेंसी ने 2019 और अक्तूबर 2024 के बीच 911 आरोपपत्र दायर किए, जिनमें सबसे अधिक 239 पिछले साल अदालतों के समक्ष रखे गए।
वित्त राज्य मंत्री ने कहा, "(छह वर्ष की अवधि के दौरान) दायर की गई 911 अभियोजन शिकायतों (आरोपपत्रों) में से, आज की तिथि तक 257 मामलों में सुनवाई लंबित है।" चौधरी ने बताया, "धन शोधन के अपराध के 42 मामलों में दोषसिद्धि सुनिश्चित की गई है, जिसमें 99 आरोपियों को सजा सुनाई गई है और अपराध की आय जब्त कर ली गई है।"
मंत्री ने कहा कि 4 दिसंबर तक, देश भर में धन शोधन से संबंधित अपराधों की सुनवाई के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कुल 106 विशेष अदालतें काम कर रही हैं।