फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया फतेहगढ़। जिले के असोथर नगर पंचायत का हाल दिन- प्रतिदिन बेहाल होता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण मनमानी ढंग से लाल सोने का व्यापार करने वाले मोरम घाट संचालक व भारी भरकम वाहन के जरिए मोरम का व्यवसाय करने वाले कारोबारी है। नगर पंचायत क्षेत्र में भारी भरकम ओवरलोड वाहनों की धमा चौकड़ी एवं उड़ते धूल के गुबार तो आनन-फानन में मोरम घाट संचालक ने ट्रैक्टर टैंकरो के जरिये मार्ग पर इतना ज्यादा पानी डलवा दिया कि जगह-जगह कीचड़ युक्त मार्ग आने-जाने वाले राहगीरों एवं स्कूली वाहनों तथा बच्चों को इस समस्या से जूझना पड़ता है, किन्तु मोरम कारोबारी क़स्बा के भीतर से वाहनों का आवागमन कराते हैं जिसकी वजह से कभी धूल तो कभी कीचड़ युक्त मार्ग उनके लिए मुसीबत बन जाता है। एक मोटरसाइकिल सवार राहगीर ने बताया कि इस मार्ग से आना-जाना काफी जोखिम भरा है। आए दिन स्कूल आने-जाने वाले बच्चे इस मार्ग पर गिरकर जहां चुटहिल हो जाते हैं। वही कभी-कभार भारी भरकम वाहन चलाने वाले अनट्रेंड ड्राइवर की वजह से बड़ा सड़क हादसा भी हो जाता है। मनमानी ढंग से वाहनों को चलाने की वजह से कई राहगीर हादसे का शिकार भी बन जाते हैं, किंतु इस ऒर सुधि लेने वाले जिम्मेदार विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी भी मोटे कमीशन के चक्कर में ध्यान नहीं देते है। एक राहगीर का कहना रहा की झाल-असोथर से लेकर कौहन गांव तक आना-जाना खतरों से भरा है, लेकिन घाट संचालक के जगह-जगह लगे गुर्गों की वजह से कोई भी मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। कुल मिलाकर जिस तरह से इस मार्ग पर भारी भरकम वाहनों की मनमानी देखने को मिल रही है वह भविष्य के लिए बड़े खतरे की तरफ आगाह करने जैसा है। इस मार्ग पर रहने वाले क्षेत्रीय लोगों एवं राहगीरो का कहना है कि अगर समय रहते भीषण जाम एवं अन्य समस्याओ का निदान ना किया गया तो उनके अंदर जो रोष भरा है वह कब आक्रोश में बदल जाए स्वयं नहीं जानते। नन्द किशोर शर्मा स्टेट ब्यूरो चीफ मैगजीन पश्चिमांचल 151170853