फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया ब्लड प्रेशर बढ़े रहने की स्थिति को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक माना जाता है। अगर ये अनियंत्रित हो जाए तो हृदय रोग और गंभीर स्थितियों में हार्ट अटैक-स्ट्रोक का भी कारण बन सकती है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को नियमित अंतराल पर ब्लड प्रेशर की जांच करते रहने और इसे कंट्रोल रखने के लिए उपाय करने की सलाह देते हैं। ये जरूरी नहीं है कि आपको 40 की उम्र के बाद ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होगी। कई रिपोर्ट्स बताते हैं कि कम उम्र, यहां तक कि 20 से कम आयु वाले भी इससे पीड़ित हो सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के लिए कई कारण जिम्मेदार माने जाते हैं, इसमें खान-पान में गड़बड़ी, शारीरिक निष्क्रियता प्रमुख है। आनुवांशिक स्थितियां यानी कि अगर माता-पिता को ये दिक्कत रही है तो आपमें भी इसका जोखिम बढ़ सकता है, इसलिए जरूरी है कि अपने ब्लड प्रेशर को लेकर गंभीरता से ध्यान दें और इसे कंट्रोल में करने के लिए प्रयास करते रहें।
विशेषज्ञ कहते हैं, जो लोग अधिक तनाव लेते हैं उनमें भी समय के साथ ब्लड प्रेशर और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।
ज्यादा स्ट्रेस लेना भी सेहत के लिए ठीक नहीं
हाई ब्लड प्रेशर तो खतरनाक है ही साथ ही जो लोग अक्सर तनावग्रस्त रहते हैं, उनमें भी कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। स्ट्रेस की स्थिति आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाने वाली हो सकती है। तनाव के कारण शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का स्राव बढ़ जाता है। कोर्टिसोल का लगातार बढ़ा रहना दिल की धड़कनों को तेज कर देता है और रक्त वाहिकाओं को संकरा बना देता है। ये स्थितियां कुछ समय के लिए रक्तचाप बढ़ा देती हैं। इतना ही नहीं स्ट्रेस पर अगर ध्यान न दिया जाए तो इसके कारण हृदय स्वास्थ्य से संबंधित दिक्कतों के बढ़ने का भी खतरा रहता है।
पर ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस को कंट्रोल कैसे किया जाए? आइए इस बारे में जानते हैं।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए हमेशा साथ रखिए डार्क चॉकलेट
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए हमेशा अपने पास डार्क चॉकलेट रखिए। अगर आपको लगे कि ब्लड प्रेशर बढ़ गया है तो थोड़ा चॉकलेट खाइए। डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवनॉल यौगिक शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं को फैलाने या चौड़ा करने में मदद करता है, जिससे रक्त प्रवाह में सुधार होता है और रक्तचाप कम होता है।साल 2015 में किए गए एक अध्ययन में टाइप-2 डायबिटीज और उच्च रक्तचाप वाले 60 लोगों में चॉकलेट के सेवन के प्रभावों की जांच की गई। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन प्रतिभागियों ने 8 सप्ताह तक रोजाना 25 ग्राम डार्क चॉकलेट खाया, उनका रक्तचाप अन्य लोगों की तुलना में काफी कम था।
स्ट्रेस में भी मिलता है आराम
ब्लड प्रेशर की तरह स्ट्रेस को कम करने में भी डार्क चॉकलेट खाने से लाभ मिलने के संकेत हैं। ये कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे तनाव में आराम मिलता है। इसके अलावा डार्क चॉकलेट खाने से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में भी सुधार हो सकता है। अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव समस्याओं को रोकने में भी इससे मदद मिल सकती है।
साल 2018 के एक अध्ययन के निष्कर्ष से पता चलता है कि डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवनॉल न्यूरोप्लास्टिसिटी को बढ़ावा देते हैं, जो मस्तिष्क की खुद को पुनर्गठित करने की क्षमता है, इससे ब्रेन स्वस्थ बना रहता है।
डार्क चॉकलेट खाने के और भी कई फायदे
डार्क चॉकलेट खाने के और भी कई फायदे हैं। इसमें कोको होता है जिसे कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए जाना जाता है। शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करने, रक्त प्रवाह में सुधार, रक्तचाप को कम करने, बैड कोलेस्ट्रॉल और सूजन घटाने, इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार के साथ न्यूरॉन्स के बीच नए कनेक्शन बनाने की मस्तिष्क की क्षमता में सुधार करने में भी इसके लाभ देखे गए हैं।
हालांकि जिन लोगों को लंबे समय से हाई ब्लड प्रेशर या स्ट्रेस की दिक्कत रही है और इसका इलाज चल रहा है उन्हें किसी भी अन्य उपाय को प्रयोग में लाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।