-प्रथम दृष्टता आपस में भिड़ने के चलते बताया जा रहा मौत का कारण
आगरा। शुक्रवार सुबह थाना मनसुख पुरा क्षेत्र के अंतर्गत गांव टिकैत पुरा में चंबल के बीहड में 3 वर्षीय मादा तेंदुए का शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलते ही पुलिस, वन विभाग और पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। सूचना पर पहुंची टीम ने मृत अवस्था में चंबल के बीहड़ के किनारे मिले मादा तेंदुए के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जहां पशु चिकित्सक टीम की मौजूदगी में मृत मिले 3 वर्षीय मादा तेंदुए का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का असली कारण स्पष्ट होगा।लेकिन वन विभाग की टीम के अनुसार नर तेंदुए के हमले से मादा तेंदुए की मौत हुई है। और कई जगह मृत मिले मादा तेंदुआ के शरीर पर हमले के निशान भी मिले हैं।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह करीब 6 ग्रामीणों को थाना मनसुखपुरा क्षेत्र के अंतर्गत गांव टिकैत पुरा में खेत की तरफ जाते समय चंबल के बीहड में गांव से करीब 500 मीटर दूर एक तीन वर्षीय मादा तेंदुए का शव पड़ा हुआ दिखाई दिया।जिसकी सूचना ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस और वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही रेंजर बाह उदय प्रताप सिंह अपनी वन टीम व पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। वन विभाग की टीम ने घटना की सूचना तत्काल पशु चिकित्सा अधिकारी को दी सूचना मिलते ही पशु चिकित्सा अधिकारी शिवांगी उदानियां अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गई। वन विभाग की मौजूदगी में चिकित्सकों की टीम मादा तेंदुए के सबको लेकर वन चौकी कार्यालय नहर के पास पिनाहट पहुंची है जहां नर मादा मिले तेंदुए के मौत का असली कारण बताएं लगाई जाने के लिए उसका पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
वही इस मामले में रेंजर बा उदय प्रताप सिंह का कहना है कि ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर चंबल के बीहड़ किनारे तीन साल का मादा तेंदुआ मिला है।अपने से बड़े नर तेंदुए की हमले से मादा तेंदुए की मौत हुई है शरीर पर कई जगह फाइटिंग के निशान है। फिर भी मौत का असली कारण जानने के लिए अमृत मिलन मामा तेंदुए के सब का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है
कहीं ग्रामीणों ने मारकर तो नहीं फेंक दिया तेंदुआ
वहीं सूत्रों की मां ने तो चंबल के बीहड़ में बड़ी संख्या में तेंदुए और लकड़बग्घा का आतंक मचा हुआ है। खेत में आते-जाते समय तेंदुए हमला बोलते हैं कई बार पशुओं को शिकार बन चुकी है ग्रामीणों पर भी हमला बोल चुकी है और गांव में आकर पशुओं को भी अपना शिकार बनाते हैं। गांव में तेंदुआ घुसने पर ग्रामीणों द्वारा मौत के घाट उतारे जाने की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।