फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया चांदी की कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर हैं। साल 2024 में रिकॉर्ड तेजी की वजह से चांदी ने अभी तक 32 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को दिया है। जिसकी वजह से चांदी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस बार दिवाली पर भी उपभोक्ताओं ने चांदी को ही खरीदान पसंद किया। जानकारों का कहना है कि अभी साल समाप्त नहीं हुआ है उम्मीद की जा रही है कि चांदी पर रिटर्न बढ़ सकता है। ज्वेलर्स का कहना है कि इस साल चांदी की कीमतों नए रिकॉर्ड पर बनी हुई हैं। 2024 में चांदी ने अब तक दिया है 32% का रिटर्न साल 2024 में रिकॉर्ड तेजी की वजह से चांदी ने अब तक 32 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को दिया है। जिसकी वजह से चांदी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इन सब वजहों से अब चांदी के गहनों और सिक्कों पर हॉलमार्किंग की मांग ने जोर पकड़ा है। चांदी में तेजी की सबसे बड़ी वजह यह है कि चांदी की मांग अधिक है, लेकिन इसकी सप्लाई कम है। आईबीजेए राष्ट्रीय सचिव सुरेन्द्र मेहता बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में चांदी का इस्तेमाल उद्योग में काफी तेजी से बढ़ा है, जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सोलर पैनल में चांदी का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी वजह से इसकी मांग में उछाल आया है। लगातार यह चौथा साल है जब चांदी की उत्पादन उसकी मांग से कम हुआ है। चांदी के गहनों और वस्तुओं पर अनिर्वाय हो हॉलमार्किंग ज्वेलर्स का कहना है कि इस साल चांदी की कीमतों नए रिकॉर्ड पर बनी हुई हैं। साल 2024 में रिकॉर्ड तेजी की वजह से चांदी ने अभी तक 32 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को दिया है। जिसकी वजह से चांदी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस बार दिवाली पर भी उपभोक्ताओं ने चांदी को ही खरीदान पसंद किया। इन सब वजहों से अब चांदी के गहनों और सिक्कों पर हॉलमार्किंग की मांग ने जोर पकड़ा है। उद्योग चांदी के गहनों और वस्तुओं पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने की मांग कर रहे हैं, जो अभी स्वैच्छिक है।आईबीजेए के हॉलमार्किंग निदेशक चेतन भंडारी का कहना है कि 14 नवंबर को बीआईएस की तकनीकी समिति में पारित प्रस्तावों के अनुसार जल्द ही चांदी की वस्तुओं पर हॉलमार्किंग को शुरू किया जाएगा, हालांकि जो स्वैच्छिक है। इस योजना के तहत सोने की वस्तुओं में भी 9K375 शुद्धता की शुरूआत की जाएगी। हमें उम्मीद है इसे जल्द लागू किया जाएगा। उद्योग में बढ़ती मांग
चांदी की 60 प्रतिशत मांग उद्योग से आती है। चांदी की इस्तेमाल सोलर सेल बनाने में किया जाता है, इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में भी चांदी का उपयोग होता है। इसके अलावा सर्किट बोर्ड, कैमरे, मोबाइलफोन और टैबलेट्स के साथ ऑटोमोबाइल उद्योग में इसका इस्तेमाल होता है। उद्योग के आंकड़े बताते है कि चांदी की औद्योगिक मांग साल 2023 में 11 प्रतिशत बढ़ी थी, जो इस साल 9 प्रतिशत बढ़कर 71.1 करोड़ औंस के आसपास पहुंच गई है। मांग बढ़ने की वजह से बढ़ रही हैं कीमतें झवेरी बाजार के ज्वलर्स कुमार जैन बताते हैं कि चांदी की कीमतों तेजी की बड़ी वजह इसकी बढ़ती हुई मांग है। वहीं इसका उत्पादन मांग की तुलना में कम है। औद्योगिक क्षेत्र में विशेषकर सोलर, ऑटोमोबाइल और मोबाइलफोन जिस तरह से बढ़ावा मिला है, उसकी वजह से चांदी की मांग भी बढ़ रही है। दूसरा निवेशक भी अब चांदी की ओर रुख कर रहे हैं। क्योंकि चांदी ने इस साल 32 प्रतिशत का अच्छा रिटर्न दिया है। यही वजह है उद्योग चांदी के गहनों और वस्तुओं पर हॉलमार्किंग को अनिर्वाय करने की मांग कर रहा है। इससे दो फायदे होंगे ,पहला चांदी में मिलावट कम होगी और दूसरा अतंरराष्ट्रीय स्तर पर घरेलू चांदी बढ़ेगी। शादी ब्याह की वजह से आयात बढ़ने का अनुमान देश में 2024 नवंबर से लेकर जनवरी 2025 तक 48 लाख शादियां है। जिसको लेकर सोने और चांदी की मांग बढ़ने की उम्मीद है। जिसमें चांदी का आयात केवल 2024 में ही 8,000 टन पहुंचने का अनुमान उद्योग को है। शादियों में लोग सोने के साथ ही चांदी के वस्तुओं को उपहार स्वरूप एक दूसरे को देते हैं, जिसकी वजह चांदी की मांग इस दौरान बढ़ने की पूरी उम्मीद है। निवेशकों को पसंद आ रहे हैं सिल्वर ईटीएफ निवेशकों ने चांदी में निवेश करने के लिए ईटीएफ की ओर रूख किया है। बाजार में 12 म्यूचुअल फंड कंपनियों के सिल्वर ईटीएफ मौजूद है। जिनका एसेट अंडर मैनेजमेंट 12,000 करोड़ रुपये है, जो एक साल पहले 2,845 करोड़ रुपये था। निवेशक सिल्वर ईटीएफ में एसआईपी द्वारा निवेश कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि चांदी की कीमतों में तेजी जारी रहने का अनुमान है। अगले एक से दो सालों में चांदी की कीमत 36 से 40 डॉलर प्रति औंस यानी भारतीय एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंचने का अनुमान है। जिसकी वजह से उद्योग अब चांदी के गहनों और वस्तुओं पर हॉलमार्किंग को अनिर्वाय करने की मांग कर रहे हैं।