फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया केन्या ने अदाणी समूह के संस्थापक गौतम अदाणी की दो परियोजनाओं को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। इस पूर्वी अफ्रीकी देश ने यह फैसला अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से गौतम अदाणी पर रिश्वत का आरोप लगने के बाद किया। भारत के दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी के प्रोजेक्ट महज केन्या ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया से लेकर इस्राइल तक फैले हैं।
अदाणी के पास इस्राइल के हाइफा बंदरगाह का 70 फीसदी हिस्सा
अदाणी पोर्ट्स भारत का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह संचालक तो है ही, उत्तरी इस्राइल के हाइफा बंदरगाह का 70% हिस्सा भी अदाणी समूह के पास है। हाइफा के बाकी हिस्से का मालिक इस्राइली गैडोट समूह है। अदाणी पोर्ट्स ने 2023 के शुरू में 1.2 अरब डॉलर में यह बंदरगाह खरीदा था। इस खरीद से उम्मीदें बढ़ीं कि इस पोर्ट को एक प्रमुख व्यापार केंद्र बनाया जा सकता है, जो इस्राइल को मध्य पूर्व खासकर सऊदी अरब से जोड़ेगा। इसका इस्राइल से आधिकारिक संबंध नहीं है। हाइफा बंदरगाह अदाणी पोर्ट्स के सालाना कार्गो वॉल्यूम का 3 फीसदी हिस्सा है। कार्गो वॉल्यूम कार्गो ले जाने के लिए उपलब्ध जगह की मात्रा है, जिसे घन फीट या घन मीटर में मापा जाता है।
ऑस्ट्रेलिया में कोयला खदान
समूह ने 2010 में ऑस्ट्रेलियाई राज्य क्वींसलैंड में विवादास्पद कारमाइकल कोयला खदान परियोजना खरीदी थी। यह खदान उत्सर्जन और ग्रेट बैरियर रीफ को होने वाले नुकसान को लेकर सात साल जलवायु कार्यकर्ताओं के निशाने पर रही। नतीजन दिसंबर 2021 तक खदान से पहला माल तक नहीं भेजा जा सका था। खदान की सालाना उत्पादन 1 करोड़ मीट्रिक टन है, जो परिकल्पित 6 करोड़ से बहुत कम है। समूह को नस्लवाद के आरोप भी झेलने पड़ रहे हैं।
श्रीलंका में कोलंबो बंदरगाह
अदाणी पोर्ट्स के पास श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में एक कंटेनर टर्मिनल प्रोजेक्ट का 51% हिस्सा है। इसके 2025 से काम शुरू करने की उम्मीद है। समूह ने वेस्ट कंटेनर इंटरनेशनल टर्मिनल को विकसित करने के लिए श्रीलंकाई समूह जॉन कील्स होल्डिंग्स और श्रीलंकाई बंदरगाह प्राधिकरण के साथ 2021 में समझौते पर दस्तखत किए थे। परियोजना को वित्तपोषित करने के लिए यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प से 46,68 अरब रुपये जुटाए गए थे।
- विदेशी जलविद्युत योजनाओं की तैयारी: अदाणी समूह की अगले कुछ साल में 10 गीगावाट की विदेशी जलविद्युत परियोजनाओं की योजना है। समूह की इन योजनाओं से परिचित सूत्रों के मुताबिक, समूह नेपाल, भूटान, केन्या, तंजानिया, फिलीपीन और वियतनाम जैसे देशों में जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण की संभावना तलाश रहा है।
- तंजानिया: इस साल की शुरुआत में अदाणी पोर्ट्स की एक इकाई ने तंजानिया के प्रमुख शहर दार एस सलाम में 30 साल के लिए मुख्य कंटेनर टर्मिनलों को चलाने के लिए एक समझौते पर दस्तखत किए। इसके लिए उसने अबू धाबी के एडी पोर्ट्स ग्रुप और ईस्ट अफ्रीका गेटवे पार्टनर्स के साथ मिलकर दार एस सलाम के मुख्य शिपिंग टर्मिनल का 95 फीसदी हिस्सा खरीदा। समूह ने इसके लिए 39.5 मिलियन डॉलर यानी 3.33 अरब रुपये चुकाए। अब यह समूह अगले 30 साल तक इस टर्मिनल का प्रबंधन और संचालन करेगा। मतलब माल ढुलाई और बंदरगाह की गतिविधियों का जिम्मा संभालेगा।
- वियतनाम: वियतनामी सरकार ने जुलाई में कहा था कि अदाणी समूह इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश के दो हवाई अड्डों में निवेश करने की सोच रहा है। वियतनामी सरकार ने बीते साल भी कहा था कि समूह बंदरगाह व अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में 3 अरब डॉलर का निवेश कर सकता है।
बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति
अदाणी पावर के पास पूर्वी भारत के झारखंड राज्य में 1,600 मेगावाट का गोड्डा प्लांट है। इस प्लांट से समूह केवल बांग्लादेश की राजधानी ढाका को बिजली निर्यात करता है। यह बिजली आपूर्ति अप्रैल 2023 में शुरू हुई। अदाणी पावर ने बीते महीने दूसरी बार इस देश की बिजली आपूर्ति में कटौती की। बांग्लादेश में राजनीतिक संकट की वजह से यहां समूह के 800 मिलियन डॉलर यानी 67.53 अरब रुपये से अधिक का बकाया है और वह इसे वसूलना चाहता है।
पूर्व राजदूत बोले-मामला निजी कंपनी व राज्य का...
अमेरिकी अभियोजकों के आरोपों पर बांग्लादेश में भारत के पूर्व राजदूत विद्या भूषण सोनी ने कहा कि हमें इसकी ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसमें भारत सरकार शामिल नहीं है। यह मुद्दा एक निजी कंपनी की गतिविधियों खासकर राज्य सरकार के अफसरों को दी गई रिश्वत के इर्द-गिर्द है। इसका भारत की प्रतिष्ठा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य चिंता यह है कि इससे भारतीय कॉरपोरेट की छवि को नुकसान पहुंच सकता है और निवेशक हतोत्साहित हो सकते हैं।