फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया अच्छी सेहत के लिए हमें पौष्टिक आहार की जितनी जरूरत होती है, दिनभर में खूब पानी पीते रहना भी उतना ही आवश्यक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोई भी मौसम हो सभी लोगों को नियमित रूप से कम से कम तीन-चीर लीटर पानी जरूर पीते रहना चाहिए। ये अपशिष्टों को बाहर निकालने, शरीर में तरल पदार्थों के संतुलन को बनाए रखने और अंगों को बेहतर तरीके से काम करने के लिए जरूरी है। पर क्या आप जानते हैं कि बहुत अधिक पानी पीना या बहुत अधिक प्यास लगना दोनों ही सेहत के लिए ठीक नहीं है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मसालेदार खाना खाने या जोरदार स्तर का व्यायाम करने के बाद प्यास लगना सामान्य है। खासकर जब मौसम गर्म हो तो ये और भी आम हो जाता है। हालांकि, कभी-कभी आपकी प्यास सामान्य से ज्यादा हो सकती है और पानी पीने के बाद भी प्यास बनी रहती है। इस तरह की स्थिति को सेहत के लिए ठीक नहीं माना जाता है।
बहुत अधिक या बार-बार प्यास लगने की स्थिति कुछ मामलों में कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत हो सकती है।
बहुत अधिक प्यास लगने की दिक्कत (पॉलीडिप्सिया)
बार-बार या बहुत अधिक प्यास लगने की स्थिति को मेडिकल की भाषा में पॉलीडिप्सिया कहा जाता है। अगर आपको हर समय प्यास लगी रहती है, यहां तक कि बहुत सारा पानी पीने के बाद भी आप प्यास महसूस करते हैं तो ये कुछ प्रकार की बीमारियों का संकेत हो सकता है। डायबिटीज या डायबिटीज इन्सिपिडस जैसी समस्याओं के शिकार लोगों में ये दिक्कत अधिक देखी जाती रही है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है क्योंकि आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए हाइड्रेटेड रहने की जरूरत होती है। लेकिन पॉलीडिप्सिया की स्थिति में आपकी प्यास कई दिनों, हफ़्तों या महीनों तक बहुत अधिक बनी रह सकती है। चाहे आप कितना भी पानी पी लें, आपकी प्यास नहीं बुझती है।
कहीं आपको डायबिटीज इन्सिपिडस की दिक्कत तो नहीं?
डायबिटीज इन्सिपिडस के शिकार लोगों को बार-बार प्यास लगने की दिक्कत हो सकती है। हालांकि डायबिटीज इन्सिपिडस को डायबिटीज मेलिटस को एक ही समझने की गलती नहीं की जानी चाहिए। डायबिटीज इन्सिपिडस आपकी किडनी और उनसे जुड़ी ग्रंथियों और हार्मोन को प्रभावित करती है। इसके कारण शरीर में मूत्र का उत्पादन अधिक हो सकता है, जिसके कारण भी आपको अधिक या बार-बार प्यास लगी रह सकती है।
लो पोटेशियम की समस्या (हाइपोकैलिमिया)
हाइपोकैलिमिया वह स्थिति है जिसमें आपके रक्त में पोटेशियम की मात्रा सामान्य से काफी कम हो जाती है, इससे पीड़ित लोगों को भी अधिक या बार-बार प्यास लगने की समस्या हो सकती है।
उल्टी-दस्त, कुछ दवाओं के अधिक सेवन के कारण शरीर में पोटेशियम का स्तर प्रभावित हो जाता है। अगर ये समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो आपको अधिक प्यास लगने की समस्या हो सकती है।
शरीर के संकेतों पर दें ध्यान
प्यास आपके शरीर का यह बताने का तरीका है कि तरल पदार्थ की कमी हो गई है। सामान्य परिस्थितियों में पानी पीने से प्यास दूर हो जाती है। हालांकि, अगर पानी पीने की इच्छा लगातार बनी रहती है, या पीने के बाद भी खत्म नहीं होती है, तो यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जरूर मिल लेना चाहिए।
सामान्य तौर पर एक दिन में तीन-चार लीटर पानी पीना पर्याप्त है। बहुत ज्यादा पानी पीना भी नुकसानदायक है।