फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ मार्गशीर्ष मास की पुण्य बेला पर रामानुज आश्रम में संत समागम हुआ। परम पूज्य जगदगुरु श्री श्री 1008 स्वामी श्री वल्लभाचार्य जी महाराज पीठाधिपति मैथिल्य संख्य अयोध्या धाम संतो सहित पधारे। जहां धर्माचार्य ओमप्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुजदास एवं नारायणी रामानुज दासी ने चरण पादुका पूजन किया। धर्माचार्य ने महाराज जी तथा आए हुए संतो को अंगवस्त्रम एवं माल्यार्पण करके आपको भगवान श्री जगन्नाथ जी का महा प्रसाद प्रदान कर शालिग्राम में विराजित भगवान शेष एवं चक्र सुदर्शन धारी भगवान नारायण का दर्शन कराया। इस अवसर पर स्वामी जी ने आपने भक्तों की मंगल कामना करते हुए विशेष कर आरविका को अपना आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि संत समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ दोय। रामानुज आश्रम में राघव सरकार की कृपा से समय-समय पर संत पधारते रहते हैं यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है मार्गशीर्ष मास के महात्म्य का वर्णन करते हुए आपने कहा कि भगवान श्री कृष्ण स्वयं कहते हैं। हे अर्जुन नदियों में गंगा वृक्षों में अश्वथ (पीपल) धातुओं में कांचन तथा महीनों में मैं मार्गशीर्ष मास स्वयं हूं। मार्गशीर्ष मास में किया हुआ दान अक्षय होता है। मार्गशीर्ष मास में अन्न दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और स्वर्ग लोक में वास करते हैं। भगवान को मार्गशीर्ष मास अतिसय प्रिय है। इसी मार्गशीर्ष मास में एकादशी बद्री क्षेत्र में उत्पन्न हुई थीं और उसने मुर नाम के राक्षस का वध किया था। जिसके कारण भगवान का नाम मुरारी पड़ा था। मार्ग शीर्ष मास में प्रयागराज में संतों का आगमन प्रारंभ हो जाता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से संत रामदास संत सीताराम दास संत राजकुमार दास संत राजीव लोचन दास एवं नारायणी रामानुजदासी डॉक्टर राजीव त्रिपाठी इं अनामिका डॉ अवंतिका पांडे डॉक्टर विवेक पांडे डॉ अंकिता पांडे विश्वम प्रकाश पांडे इं पूजा पांडे आदि उपस्थित रहे। रिपोर्ट विशाल रावत डिस्ट्रिक ब्यूरो चीफ प्रतापगढ़ 151019049