यह कहानी गाजियाबाद की महिला बाइक मैकेनिक पूनम कश्यप की है। शायद ही कोई कंपनी की बाइक या स्कूटी हो, जिसे पूनम ने ठीक न किया हो। इसीलिए उन्हें 'बाइक दीदी' के नाम से जाना जाता है। बाइक दीदी की इस प्रेरणादायक कहानी को पढ़कर आप भी उन्हें सलाम करना चाहेंगे।जब पूनम के पति बोन टीबी के कारण बिस्तर पर आ गए, तो उन्होंने आत्मनिर्भर बनने का निर्णय लिया। पति की सहायता से उन्होंने औजार उठाए और बाइक तथा स्कूटी की मरम्मत करने लगीं। आज शायद ही कोई कंपनी की बाइक हो, जिसे पूनम ने ठीक करके सड़क पर चलने लायक न बनाया हो। इस कार्य के माध्यम से वह न केवल अपनी बेटियों की शिक्षा का खर्च उठा रही हैं, बल्कि पति के इलाज इलाज के लिए लिए गए कर्ज को भी चुकता कर रही हैं। स्त्री बो ताकत है जो इतिहास बदल सकती है