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धौनी. शिक्षक शिक्षक मीना की हत्या के मुख्य आरोपी को शुक्रवार देर रात डीडवाना कुचामन सिटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। स्टार्टअप पर ड्रॉपी पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। डीडवाना कुचामन पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद ने मुखबीर से सूचना दी थी कि बर्डी में शिक्षक की हत्या का मुख्य अतिथि गुरप्रीत नीओ गोपी पुत्र जनरल ङ्क्षसह रेजिडेंट बर अमेरीका थाना नमाना जिला बर्डी जिले में छिपा हुआ है। इस पर एसपीआई के निदेशक की टीम ने हमला किया। मुखबीर से पता चला कि गुरप्रीत डीडवाना से बस की ओर प्रस्थान कर गया है। इस पर डीडवाना कुचामन डीएसटी टीम ने डिवेलपमेंट के एक मकान पर बने गोदाम पर गुरप्रीत को गिरफ्तार कर लिया। गुरप्रीत के पास से फ्लैट का बैग और मोबाइल भी बरामद किया गया है। रात को ही डीएसटी गुरप्रीत को डीडवाना ले आई। सूचना पर शनिवार सुबह सब्सिडियर रेडियोधर्मी भगवान सहायता को मंजूरी दे दी गई।
*लोकेशन ट्रेस की ली मदद:*
पुलिस गुरप्रीत की यूक्रेन में जहर के निशान की मदद ले रही थी। उनके पुराने संपर्कों पर भी नज़र जा रही थी। इसी से उसे पाक उपकरणों में मदद मिली। गुरप्रीत 11 मार्च तक पुलिस को चमका देने के लिए लगातार अपनी सुई बदल रही थी।
*ऐसेप्रस्ताव:*
गुरप्रीत सिंह की यहां के मौलासर निवासी अशोक गोदारा और गुढ़ा भगवानदास निवासी असगर से जेल में दोस्ती हुई थी। तीन अलग-अलग मामले जेल में बंद थे। सबसे पहले गुरप्रीत हत्याकांड के बाद बदायूँ में डीडवाना पहुंचा। डीडवाना में अशोक गोदारा से संपर्क और कुछ दिन छिपने के लिए जगह देने को कहा। इस पर अशोक ने उनसे डीडवाना के लिए मना करते हुए असगर से बात करने का कहा। असगर ने उसे अपनी साली का अपार्टमेंट में कुछ दिन के लिए स्टॉक के लिए भेज दिया। गुरप्रीत 13 रन से शुरूआत में था। जहां पर पुलिस ने उनसे चोरी की वारदात को अंजाम दिया। गुरप्रीत ने अशोक और असगर को उनके गांव में होने वाले झगड़े का कारण बताया था। और कुछ दिनों तक परिवार के बारे में भी बताया गया।
*ये था पूरा मामला:*
शहर के लंकागेट रोड पर 4 नवंबर की रात एक ढाबे में खाना-खाने के दौरान शिक्षक मनीष मीना और गुरप्रीत के बीच विवाद हो गया था। एक फूल की माला की दुकान पर एक फूल की माला की दुकान से छूटे हुए और शिक्षक मैग्नीशियम लंकागेट की एक फिल्म पर विवाद हो गया। पीछे से पुरावशेष ने मनीष को पकड़ लिया और ताबड़तोड़ पांच से छह चाकू घोंपकर लुलुहान हालात में छोड़ दिया गया, जिससे महल पर ही काफी खून बह गया। आसपास के लोगों की गंभीर हालत में मनीष को अस्पताल लेकर पूरे प्रदेश में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद नाराज ए मीना समाज के लोगों ने रात और अगले दिन सुबह कलेक्ट्रेट के बाहर जाम
लगा दिया और चार लोगों की मांग की। तब पुलिस की सहमति के बाद लोग माने ओर पुलिस ने घटना के तीसरे दिन तीन बस्तियों को पकड़ लिया। जबकि मुख्य बुनियादी पुलिस शिकंजे से दूर थी। पुलिस अधीक्षक ने चारों को भर्ती घोषित कर दिया था।