आगरा। थाना पिनाहट के गांव क्योरी घाट चंबल नदी पर तीन तीन अवैध नावों का संचालन जमकर हो रहा है। 100 रूपये और प्रति बाईक 200 रूपये के हिसाब से दबंगई व गुंडई के बल पर वसूल रहे हैं। सारा अवैध कारोबार खुलेआम चल रहा हैं। लेकिन वन विभाग और पुलिस पर इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। पूर्व में इन नाव संचालकों ने जानलेवा हमला बोलते हुए फायरिंग की थी। जिसमें पुलिस ने दो नावो को जप्त किया था।और थाना पिनाहट में जान लेवा हमले का मुकदमा भी दर्ज किया गया था। बावजूद इसके अवैध नाव संचालकों के हौसले बुलंद है। इसी साल जून माह में यात्रियों और बाईक सहित अवैद्ध नाव डूब गयी थी। ग्रामीणों के अनुसार पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से थाना पिनाहट क्षेत्र के गांव क्योरी के नीचे चंबल सेंचुरी क्षेत्र में तीन तीन अवैध नावो का संचालन हो रहा है। क्योरी घाट पर अवैध नावो के द्वारा लोगों की जान जोखिम में डालकर चंबल नदी पार कराई जा रही है। नदी का जलस्तर 115 मीटर पर है। जलस्तर अधिक होने के बावजूद भी खुलकर संचालन हो रहा है। नाव संचालक, प्रति यात्री 100 रूपये और प्रति बाइक 200 रूपये दबंगई व गुंडे के बल पर वसूल रहे अवैद्य नाव संचालक
जानकारी के अनुसार थाना पिनाहट क्षेत्र के क्योरी घाट पर अवैध नावो का संचालन कर रहे नाव संचालक चंद रुपए के लालच में यात्रियों को चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने के बावजूद भी चंबल नदी पार कराने में जुटे हुए हैं। प्रति यात्री 100 रूपये और प्रति बाइक 200 रूपये दबंगई व गुंडे के बल पर वसूल रहे है।वहीं लोगों के लिए किसी भी प्रकार की लाइव जैकेट की कोई व्यवस्था नहीं है।सुरक्षा व्यवस्था के कोई इंतजाम न होने के बावजूद भी लोगों को लगातार चंबल नदी पार करा रहे हैं। चार नवंबर को खबर प्रकाशित होने के बाद वन विभाग और पुलिस ने इन नावों को रोकने के लिए महज औपचारिकता ही की। जिस कारण आज भी ये तीनों नावें बदस्तूर चल रही है। और लोगों से जबरन खुलेआम लूट मचाएं हुए हैं। आश्चर्य की बात तो यह है। कि इतना सब खुलेआम होने के बाद भी इस अवैध कारोबार को रोकने वाला कोई नहीं है।
सूत्रों की माने तो नाव संचालकों ने पुल निर्माण में देरी कराई
सूत्रों की माने तो चंबल नदी पिनाहट घाट पर मध्यप्रदेश की ओर जाने के लिए बनने वाला पैंटून पुल दस नवंबर को सी चालू हो जाता। किन्तु इसके निर्माण की गति को अवैध नाव संचालकों ने धीमा करवा दिया। क्योंकि बटेश्वरी पूर्णिमा पर मध्यप्रदेश की और से भारी भीड़ आती है।पुल बनने से नावों पर कोई नहीं जाएगा। इसी कारण 12 तारीख से निर्मित पुल को चालू नहीं किया गया है। सूत्रों का तो यह भी कहना है। कि इसके लिए नाव संचालकों ने पुल कर्मियों को खर्चा पानी दिया गया था।जिसके बाद निर्माण कार्य चींटी की चाल से भी धीमी गति से चला है।