बयान- ब्लॉक के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बाल दिवस के अवसर पर अलग-अलग जातियों का आयोजन किया गया। इस दौरान खेलों में पोस्टर, रंगोली, निबंध, नृत्य, दौड़ आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। साथ ही छात्र-छात्र एवं शिक्षक पं. नेहरू के जीवन पर प्रकाश डाला गया। कुछ सुपरस्टार्स में नन्हें-मुन्ने किड्स को चंदन-तिलक लगाकर टॉफी, चॉकलेट, आदि पिलाये गए। इसी प्रकार के मराठा समाज के एचएम ने छात्र-मूर्तियों को ऐसा कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री पं. नेपोलियन नेहरू ने कहा था कि बाल देश का भविष्य स्वामी है और वह आश्रम में खिले हुए फूल हैं। हमें उनका ध्यान रखना चाहिए और उन्हें प्यार देना चाहिए। क्योंकि उस देश को आगे ले जायेंगे।आज सरकार और कई गैर सरकारी संगठन बच्चों के विकास में आने वाले बच्चों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए सरकार ने बच्चों के लिए मिड डे माइल्स, मुफ्त शिक्षा और छात्रवृत्ति जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं। लेकिन अब भी बहुत कुछ करने की सलाह दी जाती है। आज हमें यह त्यागना चाहिए कि कई वर्षों के बाद भी कई बच्चों के बाल गुलाम और शोषण का शिकार हो सकते हैं। हमें बच्चों को बाल श्रेणी, बाल विवाह, यौन शोषण और बाल श्रम जैसी बुराइयों से बचने के लिए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी बच्चों को स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ अच्छी शिक्षा मिले। हम सब मिलकर अपने गैलेक्सी के भविष्य के लिए काम कर रहे हैं क्योंकि हम बच्चे ही देश का भविष्य हैं। पंडित नेहरू ने हमेशा बच्चों की शिक्षा और उनकी अधिकारों की बात की। उनका कहना है- ''आज के बच्चे कल का भारत बंद, हम उन्हें जिस तरह से बड़ा करेंगे, उनके देश का भविष्य तय करेंगे।'' बाल दिवस के शुभ अवसर पर विद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें भाषण, नृत्य, पोस्टर संगीत उद्योग, खेल और निबंध आदि का आयोजन किया गया। बाल दिवस हम इन बच्चों को जीवित बनाये रखते हुए भी याद दिलाते हैं।