फास्ट न्यूज़ इंडिया उत्तराखंड। दिनेशपुर से पंतनगर जा रहे दिहाड़ी मजदूरों से भरे टाटा ऐस (छोटा हाथी) को हल्द्वानी मोड़ पर बस ने टक्कर मार दी। टक्कर के बाद वाहन पलट गया। इससे घटनास्थल पर मजदूरों की चीख पुकार मच गई। वाहन में बैठे 27 मजदूर घायल हो गए जबकि दो को मामूली चोटें आई हैं। पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां गंभीर स्थिति देख छह को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया। 21 घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। एसएसपी ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना।
मंगलवार की सुबह दिनेशपुर के दुर्गापुर, आनंदखेड़ा अटल नगर, पिपलिया और श्रीराम गांव के 32 मजदूर टाटा ऐस पर सवार होकर पंतनगर के लिए निकले थे। वाहन जैसे ही हल्द्वानी मोड़ पर पहुंचा कि हल्द्वानी की तरफ से आ रही तेज रफ्तार बस ने वाहन को टक्कर मार दी। इससे मजदूरों से भरा वाहन पलट गया। इसमें सभी मजदूरों को गंभीर चोटे आईं। टक्कर की तेज आवाज सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। घायलों को दबे वाहन से बाहर निकालकर पुलिस को सूचना दी गई।
सूचना पर पुलिस के साथ पहुंची एंबुलेंस की मदद से सभी घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया। अचानक अस्पताल में बड़ी संख्या में घायलों के पहुंचने पर अफरातफरी मच गई। अस्पताल में घायलों की चीखें ही सुनाई दे रही थी। सूचना पर एसएसपी मणिकांत मिश्रा, एएसपी निहारिका तोमर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलाें का हाल जाना और दुर्घटना के कारणों की जानकारी ली। पुलिस ने दोनों वाहनों को कब्जे में लेने के साथ ही बस चालक को हिरासत में ले लिया है।
दर्द से तड़पती रही संदीप कौर, दो घंटे तक नहीं हुआ एक्स-रे
हल्द्वानी मोड़ पर हुए हादसे में 30 वर्षीय संदीप कौर पत्नी सुखदेव के सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं। जिला अस्पताल में घायल का प्राथमिक उपचार किया गया। सिर में चोट लगने के कारण उसका एक्स-रे कराया जाना था पर अस्पताल में अव्यवस्था के चलते महिला दो घंटे तक दर्द से तड़पती रही पर उसका एक्स-रे नहीं हो पाया। उसने आरोप लगाया कि अस्पताल की लापरवाही के चलते उसका एक्स-रे नहीं किया गया।
दवा के लिए चिल्लाते रहे मरीज, नहीं हुई सुनवाई
रुद्रपुर जिले में हुए बड़े हादसे के बाद स्वास्थ्य महकमा सोया नजर आया। समय से मरीजों का एक्स-रे नहीं कराया गया और न हीं समुचित इलाज ही मिला। इसका कारण बताया गया कि ईगास के चलते छुट्टी है। बेड पर दर्द से तड़पते रहे मरीजों को समय से दवा भी नहीं मिल पा रही थी। तीमारदार पीएमएस से लगातार शिकायत करते रहे पर वे लाचार नजर आए।
तीन घायल महिलाओं को रखा गया आईसीयू में
हादसे में घायल कुल 27 मजदूरों में 23 महिलाएं हैं। इसमें दुर्गापुर नंबर एक निवासी कल्याणी, आनंद खेड़ा अटल नगर दिनेशपुर निवासी 40 वर्षीय विषुका और 20 वर्षीय पूर्णिमा की हालत गंभीर देखते हुए आईसीयू में भर्ती किया गया।
भाजपा नेता ने पीएमएस से जताई नाराजगी
बड़े हादसे के बाद जिला अस्पताल में भर्ती मजदूरों को देखने विधायक नहीं पहुंचे। जिला अस्पताल पहुंचे भाजपा जिला महामंत्री अमित नारंग ने एक-एक मजदूरों का हाल जाना। इसी दौरान संदीप कौर सहित कई मजदूरों का एक्स-रे और इलाज में हो रही लापरवाही की शिकायत मिलने पर उन्होंने इसकी शिकायत पीएमएस से की।
हादसे में घायलों की सूची
रेफर : दुर्गापुर दिनेशपुर निवासी जया (60), दुर्गा (40), सरस्वती (36), रेखा मिस्त्री, सुजाता, अज्ञात (22)।
जिला अस्पताल में भर्ती : दीप्ति, दुर्गापुर नंबर एक निवासी कल्याणी, शिवानी, आनंदखेड़ा अटलनगर दिनेशपुर निवासी विषुका (40), पूर्णिमा(20), ज्योत्सना मंडल(40), संदीप कौर(30) पत्नी सुखदेव सिंह, शांति(28), रीना, संता पत्नी पंकज, शिवलाल पुत्र बद्रीनाथ, काली पत्नी श्याम, दुर्गापुर दिनेशपुर निवासी पूर्णिमा ढाली, कंचन, पिपलिया दिनेशपुर निवासी मदन लाल(25), गीता पत्नी गगन, दुर्गापुर दिनेशपुर निवासी नीतू (35) पत्नी हरिदास मिस्त्री, पावर्ती, पल्लवी(40), सरस्वती और एक अज्ञात।
दिहाड़ी मजदूरी कर पालते हैं परिवार
दिनेशपुर क्षेत्र के दुर्गापुर, पिपलिया, आनंदखेड़ा अटलनगर और श्रीरामपुर आदि गांवों में गरीब तबके से हैं जो दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इसी सिलसिले में मंगलवार को ठेकेदार अरुण के नेतृत्व में सभी 27 मजदूर टाटा ऐस पर सवार होकर पंतनगर में बड़े किसानों के यहां खेती-बाड़ी का काम करने के लिए निकले थे। यहां मजदूरों को प्रतिदिन आठ घंटे के काम का ठेकेदार की ओर से 320 रुपये दिए जाते हैं। दिनेशपुर के सैकड़ों गरीब परिवार की महिलाएं खेती-बाड़ी के काम से जुड़ी हुई हैं जबकि पुरुष वर्ग के लोग सिडकुल में नौकरी के साथ ही अन्य जगहों पर दिहाड़ी मजदूरी करते हैं।
बड़े हादसे को संभालना जिला अस्पताल के बस का नहीं
हल्द्वानी मोड़ पर हुए हादसे ने जिला अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधन की पोल खोल दी है। जिला अस्पताल के जिम्मेदार पीएमएस बड़े हादसे के बाद भी अपने केबिन में बैठे नजर आए तो वहीं उनके नर्सिंग स्टाफ मरीजों के साथ मनमाना व्यवहार करते रहे। मरीज को न तो समय से इलाज मिला और नहीं दर्द से कराह रहे मजदूरों का एक्स-रे ही कराया गया। हादसे के दो घंटे तक जिला अस्पताल प्रबंधन के पास घायलों का नाम तक नहीं था।
मालवाहक वाहन में ओवरलोडेड सवारियां बैठाई गई थी। पुलिस की ओर से चालक पर केस दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही बस चालक पर भी केस दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।
- मणिकांत मिश्रा, एसएसपी।
बस का पांच नवंबर को सात ओवरलोडेड सवारी मिलने पर चालान किया गया था। टाटा ऐस पर सवारी बैठाने पर 2200 रुपये प्रति सवारी का चालान और तीन महीने तक डीएल और लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है। टाटा ऐस का नौ नवंबर को ओवरसाइज और चार जनवरी को गलत दिशा में चलने पर चालान किया गया था।
-निखिल शर्मा, एआरटीओ प्रवर्तन। शाहनूर अली स्टेट ब्यूरो चीफ उत्तराखंड 151045804