फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया जिस वक्त राज कपूर ने बॉबी फिल्म प्लान की थी उस वक्त को भारी कर्ज़ में डूबे हुए थे। मेरा नाम जोकर फिल्म से उन्हें जो घाटा हुआ था वो इतना ज़्यादा था कि बॉबी के लिए वो अधिकतर सीनियर एक्टर्स से सिर्फ सपोर्ट करने के लिए फिल्म में काम करने को कह रहे थे। लेकिन प्रेम नाथ की बात अलग थी। प्रेमनाथ उनके सगे साले थे। इसलिए प्रेम नाथ को पैसे देने की कोई टेंशन नहीं थी। हालांकि, जब बॉबी सुपरहिट हो गई तो प्रेम नाथ ने राज कपूर से एक बात ज़रूर कही थी। उन्होंने राज कपूर से कहा था कि अब तुम्हें आऱ.के.स्टूडियो को फुल एयर कंडीशन्ड कराना चाहिए। क्योंकि मैं जब यहां फिल्म की शूटिंग करने आता हूं तो बहुत गर्मी लगती है। तुम इसे मेरी फीस समझ लेना। राज कपूर ने उनकी बात मानी और आर.के.स्टूडियो को फुल एयर कंडीशन्ड करा दिया .......
दोस्तों आज प्रेम नाथ जी की पुण्यतिथि है । 3 नवंबर 1992 के दिन 65 साल की उम्र में प्रेम नाथ जी ये दुनिया छोड़ गए थे। प्रेम नाथ जी के छोटे बेटे मोंटी नाथ ने एक इंटरव्यू में उनके बारे में कुछ बड़ी ही रोचक बातें बताई थी। उनमें से कुछ बातें आज आप हमारे पेज के माध्यम से जानेंगे .....
बॉबी की रिलीज़ से पहले ऋषि कपूर बहुत ज़्यादा नर्वस हो रहे थे। उन्हें डर था कि कहीं फिल्म को लोग नकार ना दें। चूंकि प्रेम नाथ ऋषि कपूर के सगे मामा थे और ऋषि कपूर को बहुत लाड करते थे तो वो ऋषि कपूर की मनोस्थिति को समझ गए। उन्होंने ऋषि कपूर को बुलाया और पूछा कि इतने परेशान क्यों हो? ऋषि कपूर ने जब अपनी समस्या बताई तो प्रेम नाथ ने एक नैपकिन पेपर उठाया और उस पर लिखा,"बॉबी सुपरहिट रहेगी।" प्रेम नाथ जी की भविष्यवाणी सच साबित हुई। बॉबी ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। मोंटी नाथ बताते हैं कि ऋषि कपूर ने ताउम्र प्रेम नाथ जी का लिखा हुआ वो नैपकिन पेपर संभाल कर रखा था .......
मोंटी नाथ ने उस इंटरव्यू में राज कपूर और अपनी बुआ कृष्णा मल्होत्रा की पहली मुलाकात का किस्सा भी साझा किया। और हम ये कहानी इसलिए यहां शेयर कर रहे हैं क्योंकि इस कहानी में भी प्रेम नाथ जी का एक बड़ा अहम कनैक्शन है। बल्कि कहना चाहिए कि अगर प्रेम नाथ जी ना होते तो शायद राज कपूर और कृष्णा जी की मुलाकात भी ना हो पाती। तो किस्सा कुछ यूं है कि जब प्रेम नाथ जी के पिता, जो कि ब्रिटिश इंडिया एक बड़े पुलिस अफसर थे, वो जब रिटायर हुए तो प्रेम नाथ उनसे मिलने अपने होम टाउन जबलपुर आ रहे थे। बंबई में प्रेम नाथ राज कपूर और उनके परिवार संग ही रहते थे। तब तक वो एक्टर भी बन चुके थे .......
राज कपूर से उनकी बहुत बढ़िया दोस्ती थी। राज कपूर को जब पता चला कि प्रेम नाथ जबलपुर जा रहे हैं तो उन्होंने भी साथ चलने की ख्वाहिश जताई। राज कपूर जबलपुर देखना चाहते थे। प्रेम नाथ जी राज कपूर को भी अपने साथ ले आए। राज कपूर ने जब पहली दफा कृष्णा जी को देखा था तब कृष्णा जी ने एक बड़ा सा घूंघट निकाला हुआ था। उस ज़माने में प्रेम नाथ जी के परिवार की जवान लड़कियों को किसी अंजान लड़के या आदमी के सामने बिना चेहरा ढके आने की परमिशन नहीं थी। लेकिन राज कपूर चाहते थे कि वो कृष्णा जी का चेहरा देखें .......
उन्होंने जब प्रेम नाथ जी से कहा कि वो कृष्णा का चेहरा देखना चाहते हैं तो प्रेम नाथ जी को एक तरकीब सूझी। दरअसल, प्रेम नाथ जी को याद आया कि उनकी बहन कृष्णा दादामुनि अशोक कुमार की बहुत बड़ी फैन है। प्रेम नाथ जी ने कृष्णा जी से कहा,"पिल्लू, देखो मेरे साथ अशोक कुमार आए हैं।" पिल्लू कृष्णा जी का प्यार का नाम था। अशोक कुमार का नाम सुनकर उन्होंने फौरन अपने भाई के साथ आए उस दूसरे इंसान को देखा। वो अशोक कुमार नहीं, राज कपूर थे। कृष्णा जी कुछ पल के लिए राज कपूर जी को देखते रह गई। शायद राज कपूर के चेहरे में उन्हें कोई गज़ब का आकर्षण महसूस हुआ था ........
राज कपूर जी को भी कृष्णा जी की खूबसूरती बहुत अच्छी लगी। और इस तरह पहले ही दिन दोनों को एक-दूजे से इश्क हो गया। और आखिरकार दोनों की शादी भी हो गई। खूब धूमधाम से राज कपूर औऱ कृष्णा जी की शादी हुई थी। और चूंकि दोनों के परिवारों में बहुत अच्छी व पुरानी जान-पहचान थी तो किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं आई। राज कपूर और कृष्णा जी की शादी रीवा में हुई थी ........
मोंटी नाथ जी ने अपने पिता प्रेम नाथ जी के बारे में ये भी बताया था कि वो सिर्फ एक एक्टर नहीं थे। एक वैल रैड इंसान थे। उन्हें बहुत ज्ञान था। धर्म से लेकर पॉलिटिक्स व दर्शनशास्त्र तथा अन्य विषयों पर उनकी जानकारी बहुत अच्छी थी। वो एक बुद्धिजीवी किस्म के इंसान थे। संगीत के शौकीन थे। लिखने के शौकीन थेे। उन्होंने कविताएं और एक-दो किताबें भी लिखी थी। उनकी लिखी एक किताब का नाम है टियर्स ऑफ द हार्ट। ये किताब अंग्रेजी भाषा में उन्होंने लिखी थी। एक दूसरी किताब जो उन्होंने हिंदी में लिखी थी उसका नाम है श्रद्धांजलि ........
प्रेम नाथ जी के एक्टिंग करियर में वो दौर आया था जब उन्हें अच्छी फिल्में नहीं मिल रही थी। जिन फिल्मों में वो नज़र आ रहे थे वो फ्लॉप हो रही थी। इसलिए उन्होंने खुद को कुछ वक्त के लिए फिल्मों से ज़रा दूर कर लिया। वो फिल्मों में काम तो कर रहे थे। लेकिन बहुत कम। एक दिन गोल्डी आनंद और लेखक के.ए. नारायण प्रेम नाथ जी से मिलने उनके घर आए। वो दोनों अपनी फिल्म जॉनी मेरा नाम में एक अहम किरदार में प्रेम नाथ जी को कास्ट करना चाहते थे। फिल्म के हीरो देवानंद थे। और गोल्डी देवानंद के भाई के किरदार में प्रेम नाथ जी को लेना चाहते थे .......
इत्तेफाक से उस दिन प्रेम नाथ जी के कोई परीचित अमेरिका से आए हुए थे। प्रेम नाथ अपने उस अमेरिकी मेहमान को अपनी फिल्म दिखा रहे थे। फिल्म में एक सीन था जिसमें प्रेमनाथ टाइगर से मुकाबला करते दिखाई देते हैं। इत्तेफाक से जब वो सीन आया तो प्रेम नाथ जी ने गोल्डी आनंद और के.ए.नारायण को भी अपने थिएटर हॉल में बुला लिया था। वहां गोल्डी आनंद ने फिल्म देखते हुए प्रेम नाथ जी के जो रिएक्शन्स देखे उससे उन्हें लगा कि प्रेमनाथ देवानंद के भाई के रोल में नहीं, मुख्य विलेन के रोल में ज़्यादा सही लगेंगे। प्रेम नाथ जी जब फिल्म से फ्री हुए गोल्डी ने उन्हें विलेन का रोल ही नैरेट किया। प्रेम नाथ जी को वो रोल पसंद आया। और जब उन्हें पता चला कि गोल्डी अपनी फिल्म को नवंबर की 20 तारीख को रिलीज़ करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो प्रेम नाथ जी ने गोल्डी का ऑफर फौरन स्वीकार कर लिया. .......
दरअसल, प्रेम नाथ जी ज्योतिष पर बहुत यकीन करते थे। उन्हें किसी ने बताया था कि जिस दिन भी उन्हें कोई ऐसी फिल्म मिलेगी जो उनके जन्मदिन के दिन रिलीज़ होगी, फिल्म इंडस्ट्री में उनका बेहतरीन कमबैक होगा। जॉनी मेरा नाम प्रेम नाथ जी के जन्मदिन से 1 दिन पहले रिलीज़ होनी थी। वो फिल्म 20 नवंबर को रिलीज़ हुई थी। जबकी प्रेम नाथ जी का जन्मदिन होता है 21 नवंबर को। प्रेम नाथ जी का ज्योतिष पर भरोसा एकदम सही निकला। मेरा नाम जोकर फिल्म में उनके काम की बहुत सराहना हुई। और फिर तो उन्होंने अगले कुछ सालों में कई शानदार फिल्मों में ज़बरदस्त काम किया ..
🥀प्रेम नाथ
