हवाई जहाज के टायरों में कार के टायरों की तुलना में छह गुना अधिक दबाव होता है. जानकारी के मुताबिक, एक सामान्य हवाई जहाज का टायर लगभग 500 लैंडिंग तक चल सकता है, जिसके बाद आमतौर पर ऊपरी सतह को बदल दिया जाता है.
हवाई जहाज़ के एक टायर का इस्तेमाल करीब 500 बार टेकऑफ़ और लैंडिंग के लिए किया जा सकता है. इसके बाद, टायर पर फिर से ग्रिप चढ़ाई जाती है और इसे फिर से 500 बार इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस तरह, एक टायर पर कुल सात बार ग्रिप चढ़ाई जा सकती है. यानी, एक टायर का इस्तेमाल करीब 3,500 बार किया जा सकता है. इसके बाद, टायर किसी काम का नहीं रहता और उसे सेवानिवृत्त कर दिया जाता है.
हवाई जहाज़ के टायर से जुड़ी कुछ और बातेंः-
हवाई जहाज़ के टायर इतने मज़बूत होते हैं कि वे 340 टन वज़न तक उठा सकते हैं.
टेकऑफ़ के दौरान, ये टायर 250 किलोमीटर प्रति घंटे से ज़्यादा की रफ़्तार को भी सहन कर सकते हैं.
हवाई जहाज़ के टायर सिंथेटिक रबर कंपाउंड से बने होते हैं.
इन टायरों में हवा नहीं भरी जाती, बल्कि एक खास गैस भरी जाती है.
इन टायरों में कंप्रेस्ड हवा का दबाव 200 पीएसआई तक होता है, जो सामान्य टायरों से छह गुना ज़्यादा होता है.
हवाई जहाज़ के टायर छोटे होते हैं, ताकि वे ज़्यादा दबाव और तापमान को सहन कर सकें.
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