फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया दिवाली और छठ पूजा पर नियमित ट्रेनें फुल हैं। अधिकतर ट्रेनें रिग्रेट है तो वहीं स्पेशल ट्रेनें खाली जा रही हैं। लेटलतीफी के चलते स्पेशल ट्रेनों में यात्री सवार नहीं हो रहे हैं। सुबह की शाम और शाम की ट्रेनें सुबह में मंजिल तक पहुंचा रही हैं। इसमें कैंट होकर गुजरने वाली लखनऊ-छपरा स्पेशल वंदे भारत ट्रेन भी शामिल है। त्योहार के दौरान स्पेशल ट्रेनों में सीटें जल्द भर नहीं पा रही हैं। आए दिन स्पेशल ट्रेनें देरी से पहुंच रही है। नियमित ट्रेनों को पास कराने में स्पेशल ट्रेनों को जहां तहां रोक दिया जा रहा है। इससे इन ट्रेनों में कूलिंग और कोच के वॉशरूम में पानी की भी किल्लत है। यही कारण है कि यात्री इसमें सफर करना नहीं चाहते हैं। बहुत विवशता में ही टिकट करवा रहे हैं। मुंबई, दिल्ली, सूरत, गुजरात, पंजाब समेत अन्य प्रांतों से बिहार-झारखंड को जाने वाली ट्रेनें खचाखच भरी हैं। कैंट होकर गुजरने वाली इन ट्रेनों में यात्रियों को सीटें नहीं मिल पा रही हैं। जैसे तैसे यात्री जनरल और स्लीपर में सफर करने को बाध्य हैं। दो माह पहले से कंफर्म सीट कराने के बावजूद वेटिंग मिल रहा है। कैंट स्थित मुख्य आरक्षण केंद्र के पर्यवेक्षकों के अनुसार वाराणसी-छपरा के बीच 02270 वंदे भारत लखनऊ-छपरा स्पेशल ट्रेन के सीसी में 170 सीटें और ईसी में 34 सीटें खाली हैं। किराया अधिक होने के कारण इसमें यात्री टिकट नहीं करवा रहे हैं। छठ पूजा से पहले दिल्ली से वाराणसी के बीच 05038 स्पेशल आनंद विहार-बनारस स्पेशल में 1300 से अधिक सीटें खाली हैं। 22416 वंदे भारत के सीसी में 416 सीटें खाली जा रही हैं। 05056 वाराणसी सिटी-लालकुआं एक्सप्रेस में 29 अक्तूबर और पांच नवंबर को सीटें खाली जा रही हैं।
तत्काल में मारामारी, एजेंटों की कट रही चांदी
आरपीएफ और सीआईबी की तगड़ी सुरक्षा के बाद भी टिकट दलालों की चांदी कट रही है। पर्सनल आईडी पर टिकट बनाने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। महानगरों से तगड़ी सेटिंग के आधार पर तत्काल में ई-टिकट धड़ल्ले से निकल रहे हैं। साइबर कैफे और टूर ट्रेवैल्स संचालकों के यहां कंफर्म सीट पाने के लिए दो दिन पहले से ही पैसा जमा कराया जा रहा है। कंफर्म सीट मुहैया कराने का दावा करते हुए एजेंट प्रति पीएनआर 500 से 1500 रुपये अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे हैं।