आईआईटी बीएचयू के दीक्षांत समारोह में 125 मेडल की खनक में स्वतंत्रता भवन में गूंज उठी। मेडल पाने के बाद टेक्नोक्रेट्स और उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना न रहा। मंच से लेकर कैंपस की सड़कों तक सेल्फी का सिलसिला चलता रहा। आज से छह महीने पहले कैंपस छोड़ नौकरी ज्वाइन कर चुके इंजीनियर्स ने चार साल की यादें ताजी कीं। मेडल पाने वालों में कोई कोयले की खदान में पला बढ़ा तो कोई बढ़ई का बेटा है। जमशेदपुर का एक मेडलिस्ट कोयले की खान में पला-बढ़ा, माइनिंग से इंजीनियरिंग की और अब जमशेदपुर में माइनिंग में ही नौकरी कर रहा है। चंदौली के किसान के बेटे अखिलेश कुमार को संस्थान के बेस्ट पीएचडी थीसिस के लिए गोल्ड मेडल दिया गया। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से बीटेक पासआउट छात्रा भव्या मल्होत्रा और केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र आदित्य नायक के साथ भी फोटो खिंचवाने की होड़ लगी रही। भव्या को डायरेक्टर्स के साथ कुल 13 मेडल और आदित्य को प्रेसीडेंट के साथ कुल सात मेडल मिले।