वाराणसी जिले के रमना स्थित कूड़ा प्लांट के पीछे स्मिता शर्मा (53) की सिर कूंचकर हत्या और गहने व नकदी की लूट में ई-रिक्शा चालक राजू वनवासी के साथ उसका दोस्त मंगरू राजभर भी शामिल था। दोनों के पास से स्मिता की सोने की बाली, चेन व अंगूठी और 2530 रुपये बरामद किए हैं। भगवानपुर निवासी दोनों आरोपियों को सोमवार को अदालत में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
यह है पूरा मामला
रमना फेज-2 की शिवधाम नगर कॉलोनी में किराये पर रहने वाली स्मिता शर्मा डाफी स्थित एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती अपने परिचित को देखने के लिए शनिवार की सुबह 11 बजे घर से निकली थीं। मलहिया तक वह ई-रिक्शा से आईं। फिर, दूसरे ई-रिक्शा पर सवार हुईं। इसके बाद उनका पता नहीं लगा। काफी खोजबीन के बाद भी उनका पता नहीं लगा तो उनके बेटे निखिल ने लंका थाने की पुलिस को सूचना दी। इंस्पेक्टर लंका शिवाकांत मिश्रा ने अपनी टीम के साथ रमना से डाफी मार्ग के सीसी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की। फुटेज की मदद से वह ई-रिक्शा चिह्नित हुआ, जिस पर स्मिता आखिरी में सवार हुई थीं। कड़ी मशक्कत के बाद ई-रिक्शा चालक रवि वनवासी पकड़ा गया। लंका थानाध्यक्ष की पूछताछ में रवि ने बताया कि कूड़ा प्लांट के पीछे ही उसका दोस्त मंगरू भी मौजूद था। गहने छीनने के दौरान महिला के विरोध को देखकर वह मंगरू को भी आवाज देकर बुला लिया था। ईंट-पत्थर से सिर पर वार कर हत्या करने के बाद दोनों ने महिला के शव को खींच कर झाड़ियों में छिपा दिए थे। उधर, रविवार की देर रात ही स्मिता शर्मा के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। सोमवार की सुबह हरिश्चंद्र घाट पर उनके शव की अंत्येष्टि की गई, जहां मुखाग्नि उनके बेटे निखिल ने दी।